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OBC आरक्षण: ठाकरे सरकार को झटका, SC ने कहा- चुनाव कराएं

OBC आरक्षण: ठाकरे सरकार को झटका, SC ने कहा- चुनाव कराएं

नगर निकायों के चुनाव में 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण को लागू करने के मामले में महाराष्ट्र सरकार को झटका लगा है। अब उसका अगला कदम क्या होगा?

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय के चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे सरकार से कहा है कि वह स्थानीय निकाय चुनाव की तारीख दो हफ्ते के अंदर घोषित करे। इससे पहले ठाकरे सरकार ने फैसला किया था कि महाराष्ट्र में कोई भी निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के नहीं होगा। 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह राज्य सरकार की विफलता है। उन्होंने कहा कि ओबीसी समुदाय को हुए इस नुकसान के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है।

महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की तरफ से एक रिपोर्ट जमा की थी जिसमें ओबीसी आरक्षण को लेकर कई बातें कही गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आयोग की ओर से जो रिपोर्ट अदालत में दाखिल की गई है वह बिना किसी जरूरी अध्ययन के तैयार की गई है।

आयोग की रिपोर्ट में कहा गया था कि स्थानीय निकायों के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फ़ीसदी तक आरक्षण दिया जा सकता है। आयोग ने यह भी कहा था कि आरक्षण का कुल कोटा 50 फ़ीसदी की सीमा से अधिक नहीं होगा। 

आयोग की इस रिपोर्ट के आधार पर ही महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि महाराष्ट्र में आने वाले समय में नगर निकायों का चुनाव 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण के साथ लड़ा जाएगा लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे झटका दिया था। 

विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ओबीसी समुदाय को आरक्षण देना ही नहीं चाहती और यही कारण है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई के दौरान जूनियर वकीलों को पेश होने के लिए कहा था।

जबकि ओबीसी नेता पंकजा मुंडे ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गलत हलफनामा दिया और इससे राज्य की किरकिरी हुई।

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