संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने में 4 नहीं बल्कि 6 लोग शामिल थे
संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में अब सामने आ रहा है कि इसमें 4 नहीं बल्कि 6 लोग शामिल थे। ये सभी लोग विभिन्न राज्यों से हैं और एक ही मकसद से एक जगह एकत्र हुए थे। अब तक की जानकारी के मुताबिक ये सभी आरोपी संसद में पूरी योजना के साथ यहां आए थे।
संसद में इस घटना को अंजाम देने से पहले इनमें से 4 लोग पांचवे आरोपी विक्की के घर पर गुरुग्राम में रुके थे। इनमें शामिल सभी छह लोगों की पहचान की जा चुकी है।
प्राप्त सूचना के मुताबिक इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि अभी भी एक आरोपी ललित झा फरार हैं। पुलिस उसे पकड़ने की कोशिश कर रही है।
इनमें से सागर शर्मा और मनोरंजन ने संसद के अंदर हंगामा किया जबकि संसद के बाहर हरियाणा के हिसार की रहने वाली नीलम और महाराष्ट्र के अमोल शिंदे ने हंगामा किया। संसद के बाहर दोनों आरोपियों ने जमकर नारेबाजी भी की है। सामने आये वीडिये में नीलम भारत माता की जय और वंदे मातरम् का नारा लगा रही थी। पकड़े जाने के बाद नीलम चिल्ला चिल्ला कर मीडियाकर्मियों से कह रही थी कि वह बेरोजगार छात्रा है। वह किसी संगठन से नहीं जुड़ी है।
प्राप्त सूचना के मुताबिक संसद तक पांच लोग आए थे।पकड़े गए नीलम, मनोरंजन, सागर और अमोल ने अपने मोबाइल फोन पांचवे शख्स ललित झा को दे दिया था। जैसे ही हंगामा होने लगा ललित झा मौके से फरार हो गया।
सामने आई जानकारी के मुताबिक ये आरोपी इसकी साजिश में शामिल विक्की शर्मा के दोस्त हैं। ये गुरुग्राम में विक्की के ही घर पर ठहरे थे। विक्की शर्मा मूल रूप से हिसार का रहने वाला है। घटने के बाद दिल्ली पुलिस तेजी से कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने विक्की शर्मा और उनकी पत्नी को हिरासत में ले लिया है।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने घटना स्थल से गिरफ्तार चारों आरोपियों को हिरासत में लेकर संसद मार्ग पुलिस स्टेशन आई है। वहां एंटी टेरर यूनिट और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे।
पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही है। उम्मीद की जा रही है जल्द ही पुलिस इस पूरी साजिश का पर्दाफाश करेगी। ये लोग किस मकसद से संसद पहुंचे थे और इनके पीछे कौन लोग हैं इसकी जांच की जा रही है।
इस पूरे मामले में संसद की सुरक्षा पर एक बार फिर बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है। सवाल उठ रहा है कि आखिर संसद की सुरक्षा व्यवस्था में यह चूक कैसे हो गई। वह भी तब जब संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी थी। सवाल खुफिया एजेंसियों पर भी उठ रहा है कि उन्हें आखिर इस साजिश की भनक कैसे नहीं लगी।
अब इस पूरे मामले की गृह मंत्रालय ने भी जांच की बात कह दी है। गृह मंत्रालय जांच करेगा कि आखिर सुरक्षा में यह चूक कैसे हुई है।
इस घटना के बाद बुधवार को ही संसद की सुरक्षा को अपग्रेड किया गया है। फिलहाल विजिटर गैलरी में लोगों के प्रवेश पर लोकसभा अध्यक्ष ने रोक लगा दी है। सुरक्षा को मजबूत करने को लेकर कई कदम उठाए गए हैं।
अब यहां एयरपोर्ट की तरह बॉडी स्कैनर्स लगाया जायेगा। अब सांसदों के निजी सहायकों के संसद में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।
अब सांसदों, स्टाफ सदस्यों और प्रेस को अलग-अलग गेट से प्रवेश कराया जायेगा। अन्य आने वालों को चौथे गेट से प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। भविष्य में विजिटर गैलरी से फिर कोई सदन में न कूदे इसके लिए विजिटर गैलरी और सदन के बीच शीशा लगाया जाएगा।
विपक्ष की बात को गंभीरता से लेना चाहिए
संसद में सुरक्षा उल्लंघन पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा है कि सरकार इस चूक और अपनी इस घोर लापरवाही को छुपाने की कोशिश कर रही है। उन्हें भाजपा सांसद से सवाल करना चाहिए। वे किसके द्वारा जारी पास पर आए थे। वे प्रथम कड़ी हैं और सरकार उसी पर काम नहीं कर रही है।संसद की सुरक्षा में हुई इस सेंध पर शिवसेना (यूबीटी ) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि एक चिंतित सांसद के रूप में मैंने 22 सितंबर को यह मुद्दा उठाया था, जब राज्यसभा की दर्शक दीर्घा में राजनीतिक नारेबाजी हुई थी। मैंने कहा था कि यह जांच किया जाना चाहिए किस सांसद के कार्ड पर इतने लोग आ रहे हैं।
अगर विपक्ष का नेता आपसे कुछ कह रहा है, चिंता और सुरक्षा कारणों से कह रहा है, देश की सुरक्षा और सदन की सुरक्षा के लिए कह रहा है तो आपको उसे गंभीरता से लेना चाहिए।
वहीं कांग्रेस सांसद केसी वेणूगोपाल ने कहा है कि आज जो हुआ सबने देखा और वह बहुत गंभीर मामला था। सरकार को इसपर सफाई देनी चाहिए, देश के लोग इस पर सफाई का इंतजार कर रहे हैं कि आखिर हुआ क्या? लेकिन वे अभी इसके लिए तैयार नहीं है। भाजपा को भी पता है कि इन लोगों को पास किसने मुहैया करवाया है, पास मुहैया करवाने वाले भी भाजपा के ही नेता हैं।