विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों में बीजेपी की क़रारी हार के बाद नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पहली बार साथ-साथ दिखे, पर उनके बीच दुआ सलाम तक नहीं हुई। बातचीत या मिलना-जुलना नहीं हुआ।दोनों नेता संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर एक ही जगह मौजूद थे। दोनों ने एक-दूसरे की ओर देखा भी, पर किसी ने दूसरे का हालचाल नहीं पूछा या नमस्ते नहीं की, उनके बीच कोई बातचीत नहीं हुई। प्रधानमंत्री मोदी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बातचीत करते हुए देखे गए। केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और रामदास आठवले ने राहुल गाँधी को नमस्ते की और हालचाल पूछा।
साल 2001 के 13 दिसंबर को आतंकवादियों ने संसद परिसर में घुस कर हमला कर दिया था। इसमें दिल्ली पुलिस के पाँच जवान, सीआरपीएफ़ की एक महिला कॉन्स्टेबल, संसद परिसर के दो सुरक्षा कर्मचारी, दो माली और एक कैमरामैन मारे गए थे। उन लोगों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए यह कार्यक्रम रखा गया था। इसमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन और सोनिया गाँधी मौजूद थीं। क़यास लगाया जा रहा है कि चुनावों में हुई हार और उसके पहले प्रचार के दौरान उपजी कटुता की वजह से दोनों नेताओं के बीच एक दूरी बनी हुई है।