जेजेपी वाले इनेलो के गद्दार हैं, इनसे कोई समझौता नहीं होगा: चौटाला
बीते दिनों हरियाणा में एक ख़बर जोर-शोर से चली कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) एक साथ आ सकते हैं। लेकिन इनेलो के सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने इस ख़बर को हवा में उड़ा दिया है। उन्होंने जेजेपी को गद्दारों की पार्टी बताया और कहा कि गद्दारों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
बता दें कि जेजेपी के अध्यक्ष अजय चौटाला ने कुछ दिन पहले कहा था कि ओमप्रकाश चौटाला उन्हें और उनके बेटों को पार्टी से निकालने के फ़ैसले पर फिर से विचार करें। वे पहला क़दम बढ़ाएं फिर हम इस पर आगे बढ़ेंगे।
इसके बाद हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने एक फ़ोटो ट्वीट किया था। इस फ़ोटो में वे ओमप्रकाश चौटाला के पांव छूते दिख रहे हैं।
फ़ोटो के कैप्शन में उन्होंने लिखा था, “दो पलों में पूरे हो गए हो जैसे सारे अरमान, छुए दादा जी के पैर, जैसे छू लिया आसमान।”
लेकिन इसके बाद ओमप्रकाश चौटाला सामने आए और कहा कि जेजेपी की बुनियाद झूठ पर टिकी है और इसका वजूद खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि जेजेपी के कार्यकर्ताओं में भगदड़ मची हुई है और इसे रोकने के लिए ही चौटाला परिवार के एक होने की ख़बरें फैलाई जा रही हैं।
जेजेपी बीजेपी के साथ सरकार में साझीदार है लेकिन किसान आंदोलन के कारण जेजेपी की छवि को बहुत धक्का लगा है।
बता दें कि 2018 में ओमप्रकाश चौटाला ने अजय चौटाला के दोनों बेटों यानी अपने पोतों दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला को इनेलो से बाहर कर दिया था। इसके बाद अजय चौटाला ने अपने बेटों के साथ मिलकर जेजेपी का गठन किया था।
जेजेपी को अपने पहले ही विधानसभा चुनाव में जोरदार सफलता मिली थी और उसने 10 सीटें झटक ली थीं। इसका सीधा असर इनेलो पर पड़ा था और वह सिर्फ़ एक सीट हासिल कर सकी थी। जेजेपी का ग्राफ़ तेज़ी से ऊपर जा रहा था लेकिन किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी के साथ बने रहने के कारण उसे बहुत विरोध झेलना पड़ा।
दुष्यंत के चाचा अभय चौटाला ने विधायक पद से इस्तीफ़ा देकर किसानों की हिमायत हासिल कर ली। अभय एलनाबाद से फिर से चुनाव जीत गए हैं।
बहरहाल, ओमप्रकाश चौटाला के इस बयान से साफ है कि इनेलो और जेजेपी एक साथ नहीं आने जा रहे हैं।