पीएम नरेंद्र मोदी करीब डेढ़ वर्ष बाद फिर बिहार दौरे पर हैं। उन्होंने करीब 21.5 हजार करोड़ रुपये की सौगात बिहार को दी है। औरंगाबाद में उनकी सभा में बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी मंच पर थे। इस दौरान नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के सामने कहा कि आप जब पहले बिहार आए थे तब साथ में थे।
कुछ दिनों के लिए उधर चला गया था। फिर से आपके साथ हैं। अब आपके साथ ही रहेंगे। अब इधर-उधर नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि, मैं आश्वस्त करता हूं कि अब कहीं नहीं जाउंगा। लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से कहा कि इस बार 400 से ज्यादा सीटें जीतेंगे। नीतीश कुमार ने जब यें बातें कहीं तो मंच पर ठहाके लगने लगे। पीएम मोदी और बिहार के गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी अपनी हंसी रोक नहीं पाएं।
पीएम मोदी ने औरंगाबाद में अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में संबोधन से की। उन्होंने मंच से कहा कि बिहार को पुराने दौर में नहीं जाने देंगे। परिवारवाद पर जमकर उन्होंने निशाना साधा। कहा कि, एनडीए की शक्ति बढ़ने के बाद बिहार में परिवारवादी राजनीति हाशिए पर जाने लगी है।
परिवारवादी राजनीति की एक और विडंबना है। मां-बाप से विरासत में पार्टी और कुर्सी तो मिल जाती है, लेकिन मां-बाप की सरकारों के काम का एक बार भी जिक्र करने की हिम्मत नहीं पड़ती है। ये है परिवारवादी पार्टियों की हालत।
उन्होंने बिहार में विभिन्न विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्धाटन को लेकर कहा कि इन परियोजनाओं में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कई परियोजनाएं हैं, इनमें रेल इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े काम भी हैं और इनमें आधुनिक बिहार की मजबूत झलक भी है।
यही एनडीए की पहचान है। हम काम की शुरुआत भी करते हैं, काम पूरा भी करते हैं और हम ही उसे जनता-जनार्दन को समर्पित भी करते हैं। ये मोदी की गारंटी है।
पीएम ने कहा कि , बिहार में जब पुराना दौर था, राज्य को अशांति, असुरक्षा और आतंक की आग में झोंक दिया गया था। बिहार के युवाओं को प्रदेश छोड़कर पलायन करना पड़ा।
एक आज का दौर है, जब हम युवाओं का कौशल विकास कर रहे हैं। बिहार के हस्त शिल्प को बढ़ावा देने के लिए हमने 200 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले एकता मॉल की नींव रखी है।
एक वो दौर था, जब बिहार के ही लोग अपने ही घरों से निकलने में डरते थे। एक ये दौर है, जब बिहार में पर्यटन की संभावनाएं विकसित हो रही हैं। बिहार को वंदे भारत और अमृत भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें मिलीं, अमृत स्टेशनों का विकास किया जा रहा है।
ये नए बिहार की नई दिशा है। ये बिहार की सकारात्मक सोच है। ये इस बात की गारंटी है कि बिहार को हम वापस पुराने दौर में नहीं जाने देंगे।
आज बिहार की धरती पर मेरा आना कई मायनों में खास है। अभी कुछ दिन पहले ही बिहार के गौरव कर्पूरी ठाकुर जी को देश ने भारत रत्न दिया है। ये सम्मान पूरे बिहार का सम्मान है।
उन्होंने कहा कि,अभी कुछ ही दिन पहले अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी हुई है। अयोध्या में रामलला विराजमान हुए हैं, तो स्वाभाविक है, सबसे ज्यादा खुशी माता सीता की धरती पर ही मनाई जाएगी।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर बिहार जिस आनंद में डूबा, बिहार के लोगों ने जैसा उत्सव मनाया, रामलला को जो उपहार भेजे, मैं वो खुशी आपसे साझा करने आया हूं।