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2024 चुनाव: क्या यूपी के फूलपुर से लड़ेंगे नीतीश कुमार?

2024 चुनाव: क्या यूपी के फूलपुर से लड़ेंगे नीतीश कुमार?

अगर नीतीश कुमार फूलपुर से चुनाव लड़ते हैं तो क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में इसका असर होगा। 

क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। खबरों के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नीतीश कुमार को यह ऑफर दिया है कि वह उत्तर प्रदेश की किसी भी सीट से अगर चुनाव लड़ते हैं तो समाजवादी पार्टी उनका समर्थन करेगी। 

अगस्त में एनडीए के साथ नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाने की कवायद में जुटे हुए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी सहित कई दलों के नेताओं से वह मुलाकात कर चुके हैं। 

नीतीश का कहना है कि वह 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं और उनकी कोशिश सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की है। 

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी रविवार को इस बात का संकेत दिया कि नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। इंडिया टुडे के मुताबिक, ललन सिंह ने कहा, “इसमें स्वीकार करने या खारिज करने जैसी कोई बात नहीं है। नीतीश कुमार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसका फैसला सही वक्त पर किया जाएगा लेकिन नीतीश को उत्तर प्रदेश में अंबेडकरनगर और मिर्जापुर से भी लोकसभा चुनाव लड़ने का निमंत्रण मिला है।” 

उन्होंने कहा कि जेडीयू के कार्यकर्ता भी चाहते हैं कि नीतीश कुमार को उत्तर प्रदेश से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहिए। 

ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के पास वर्तमान में 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में 65 सीटें हैं। अगर अखिलेश यादव और नीतीश कुमार अन्य विपक्षी दलों के साथ एक मंच पर आते हैं तो बीजेपी को 15 से 20 सीटों पर रोका जा सकता है। 

फूलपुर लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र है। सवाल यह है कि अगर नीतीश कुमार फूलपुर से चुनाव लड़ते हैं तो क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में इसका असर होगा।

2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल का महागठबंधन चुनाव मैदान में था। इस महागठबंधन को 15 सीटों पर जीत मिली थी। इसमें से 10 सीटें बसपा के खाते में जबकि 5 सीट सपा के खाते में गई थी। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद यह महागठबंधन टूट गया था और बीजेपी को इस महागठबंधन के बाद भी अकेले दम पर 62 सीटों पर जीत मिली थी। हाल ही में बीजेपी ने रामपुर और आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव में भी जीत दर्ज की है। 

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‘नीतीश के लिए कोई मौका नहीं’ 

नीतीश कुमार के फूलपुर से चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अपने दम पर नीतीश कुमार 2014 में लोकसभा की सिर्फ 2 सीटें जीत सके थे और उनकी सीटें तब बढ़ीं, जब उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा। मौर्य ने कहा कि बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के नीतीश कुमार के लिए उत्तर प्रदेश में कोई मौका नहीं है, बिहार में भी उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी और वह अपना खाता भी नहीं खोल पाएंगे। 

केशव प्रसाद मौर्य 2014 के लोकसभा चुनाव में ओबीसी मतदाताओं की अधिकता वाली फूलपुर सीट से चुनाव जीते थे। तब बीजेपी को इस सीट पर पहली बार सफलता मिली थी। 2017 में उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था।

क्यों अहम है फूलपुर सीट?

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते थे। साल 1962 में नेहरू ने समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया को इस सीट पर 50000 वोटों से चुनाव हराया था। नेहरू के निधन के बाद फूलपुर लोकसभा सीट से उनकी बहन विजयलक्ष्मी पंडित 1964 से 1968 तक लोकसभा सांसद रहीं। 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नेता जनेश्वर मिश्रा ने फूलपुर में लोकसभा का उप चुनाव जीता था तब उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार केडी मालवीय को 20000 वोटों के अंतर से हराया था। यह पहला मौका था जब फूलपुर में किसी गैर कांग्रेसी दल को जीत मिली थी। 

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वीपी सिंह भी यहां से जीते

पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह को 1971 के लोकसभा चुनाव में भी बतौर कांग्रेस उम्मीदवार फूलपुर से जीत मिली थी। उन्होंने भारतीय क्रांति दल के उम्मीदवार बीडी सिंह को हराया था। 1989 से 1996 तक फूलपुर सीट पर जनता दल का कब्जा रहा। तब यहां से राम पूजन पटेल चुनाव जीते थे। राम पूजन पटेल तीन बार यहां से चुनाव जीते। इसके अलावा जंग बहादुर पटेल और धर्मराज पटेल भी यहां से चुनाव जीत चुके हैं। 

साल 2004 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अतीक अहमद ने यहां से चुनाव जीता था तो 2009 में कपिल मुनि कांवरिया ने सपा उम्मीदवार श्यामाचरण गुप्ता को हराया था। जबकि 2014 में केशव प्रसाद मौर्य ने सपा उम्मीदवार धर्मराज पटेल को तीन लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से मात दी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार केसरी देवी पटेल ने फूलपुर से लोकसभा का चुनाव जीता था। 

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