बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सवाल है कि क्या नीतीश कुमार अब बीजेपी के समर्थन से सरकार चलाने की तैयारी में हैं? ख़बर है कि नीतीश कुमार की बीजेपी से बातचीत चल रही है। हालाँकि कुछ रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि जेडीयू और बीजेपी की सरकार बन सकती है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच कई मुद्दों पर अभी भी बात चल रही है और अभी भी कुछ तय नहीं हुआ है। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि बीजेपी और जेडीयू की सरकार बन सकती है। हालाँकि, इसकी पुष्टि न तो जेडीयू की ओर से की गई है और न ही बीजेपी की ओर से।
ऐसे समय में जब बिहार में सत्तारूढ़ जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन के टूटने के कयास लगाए जा रहे हैं, अब अटकलें तेज हैं कि नीतीश कुमार फिर से बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो सकते हैं। यह सब लोकसभा चुनाव से पहले हो रहा है।
यह घटनाक्रम बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल और जदयू और राजद के मौजूदा गठबंधन में तनाव के बीच हुआ है। पिछले कुछ समय से चल रहा तनाव इस सप्ताह अपने चरम पर पहुंच गया जब लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक तीन ट्वीट करके नीतीश पर इशारों में हमला किया। इससे पहले समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया गया था तो नीतीश ने वंशवाद की राजनीति पर भी हमला किया था।
243 की बिहार विधानसभा में राजद के 79 विधायक हैं, उसके बाद भाजपा के 78, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, सीपीआई (एम-एल) के 12, सीपीआई (एम) और सीपीआई के दो-दो, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के चार विधायक, और एआईएमआईएम एक और एक निर्दलीय विधायक हैं।
इन घटनाक्रमों पर टिप्पणी करते हुए सुशील मोदी ने राजनीति को संभावनाओं का खेल बताते हुए कहा कि जो दरवाजे बंद हैं वे खुल सकते हैं। हालाँकि, उन्होंने इस मुद्दे पर आगे बोलने से इनकार कर दिया।
जदयू और आरजेडी में गहराती दरार की चर्चा के बीच दोनों दलों ने गुरुवार को अलग-अलग बैठकें की थीं, जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा करने के लिए दिल्ली रवाना हो गए थे। उनके साथ भाजपा की पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी भी थीं।
बिहार में बीजेपी के कम से कम तीन नेताओं ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन पार्टी के लिए अच्छी स्थिति होगी, क्योंकि यह न केवल भाजपा के लिए मनोबल बढ़ाने वाला होगा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन को कमजोर भी करेगा।
हालाँकि, राजद ने ऐसी किसी भी संभावना को खारिज कर दिया है और कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेताओं ने कहा है कि गठबंधन को कोई ख़तरा नहीं है। राजद सांसद मनोज झा ने एएनआई से कहा, 'मुझे विश्वास है कि सीएम मौजूदा संदेह का खंडन करेंगे और बिहार सकारात्मक राजनीति का हिस्सा बना रहेगा।'
कांग्रेस सूत्रों ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाह के बारे में संदेह जताते हुए इंडिया टुडे से कहा कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा की ओर वापस जाना आसान नहीं होगा।