पुलवामा हमला: एक और शख़्स गिरफ़्तार, मुख्य साज़िशकर्ता की मदद की थी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को पुलवामा हमले के मामले में एक शख़्स को गिरफ़्तार किया है। गिरफ़्तार किए गए शख़्स की पहचान मोहम्मद इक़बाल राथर के रूप में हुई है। राथर की उम्र 25 साल है और वह जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के चरार-ए-शरीफ के फुटलीपुरा इलाके का रहने वाला है।
इस मामले में अब तक यह छठी गिरफ़्तारी है। 14 फ़रवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ़ के 40 से ज़्यादा जवान शहीद हो गये थे। पाकिस्तान में सक्रिय कुख़्यात आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने यह हमला किया था।
राथर ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक़ की मदद की थी। फारूक़ पुलवामा हमले में मुख्य साज़िशकर्ता है। फारूक़ ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर हमले में इस्तेमाल किए गए आईईडी को इकट्ठा किया था।
‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, शुरुआती जांच में एनआईए को पता चला है कि राथर मैसेंजिग एप के जरिये पाकिस्तान में सक्रिय जैश के आतंकवादियों के लगातार संपर्क में था। वह जैश के ट्रांसपोर्टेशन मॉड्यूल का भी हिस्सा था।
फारूक़ को गुरूवार को एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे सात दिन की हिरासत में भेज दिया गया। एनआईए के मुताबिक़, राथर सितंबर, 2018 तक एक अन्य मामले में भी न्यायिक हिरासत में था।
पुलवामा हमले में जवानों की सुरक्षा में हुई जबरदस्त चूक को लेकर सैकड़ों सवाल उठे थे। सवाल उठे थे कि केंद्रीय पुलिस बल को बख़्तरबंद गाड़ियाँ क्यों नहीं मुहैया कराई गईं थीं और इतने बड़े काफ़िले के बीच जैश के आतंकवादी ने कैसे अपनी कार सीआरपीएफ़ की बस से टकरा दी?