लखीमपुर: नया वीडियो- मंत्री की एसयूवी ने तेज़ गति से निहत्थे किसानों को रौंदा
नये वीडियो से लखीमपुर में किसानों को रौंदने का मामला एकदम साफ़ हो गया है। इसमें दिखता है कि किसानों ने न तो कोई हिंसा की थी और न ही उन्होंने मंत्री के गाड़ी पर कोई हमला किया था। किसान निहत्थे और शांतिपूर्ण तरीक़े से आगे बढ़ रहे थे। वीडियो में दिखता है कि तेज़ गति से आती काली एसयूवी महिंद्र थार किसानों को पीछे से रौंदती हुई आगे निकल जाती है। यह वही गाड़ी है जिसको केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी अपनी मान चुके हैं। फिर चारों तरफ़ चीख मचती है। जो गाड़ी की चपेट में नहीं आते वे अपनी जान बचाने के लिए सड़क से दूर भागते हैं। काली एसयूपी के पीछे-पीछे उतनी ही तेज़ गति से दो और गाड़ियाँ निकलती हैं।
46 सेकंड के इस वीडियो में किसान किसी तरह की हिंसा करते हुए नहीं दिखते हैं। वीडियो से मंत्री टेनी और उनके बेटे के ये दावे पूरी तरह ग़लत साबित होते हैं जिसमें उन्होंने दावा किया था कि किसानों के पत्थर और लाठियों से हमले के कारण एसयूवी अनियंत्रित हुई थी। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस वीडियो को देखकर खुद अंदाज़ा लगाया जा सकता है। बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने इस वीडियो को साझा किया है।
The video is crystal clear. Protestors cannot be silenced through murder. There has to be accountability for the innocent blood of farmers that has been spilled and justice must be delivered before a message of arrogance and cruelty enters the minds of every farmer. 🙏🏻🙏🏻 pic.twitter.com/Z6NLCfuujK
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 7, 2021
कांग्रेस ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस वीडियो को साझा करते हुए मोदी और योगी सरकार पर निशाना साधा है।
ये हैवानियत से परे है और उससे भी परे है- पीएम मोदी से लेकर भाजपा की तमाम ताकतों द्वारा एक खूनी दरिंदे के बचाव का क्रूर प्रयास।
— Congress (@INCIndia) October 6, 2021
लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या हुई है और इस हत्या के छींटे मुख्यमंत्री योगी से लेकर पीएम मोदी तक जाते हैं।#NyayHokarRahega pic.twitter.com/H7p3ZMHZ7M
इससे पहले इस वीडियो का ही छोटा सा हिस्सा आया था, लेकिन उस वीडियो में चीजें इतनी साफ़ नहीं दिखाई दे रही थीं। ताज़ा वीडियो एकदम साफ़ है। उसमें साफ़-साफ़ दिखता है कि गाड़ी ने कोई नियंत्रण नहीं खोया था। इस नये वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्राइवर स्टीयरिंग पर मज़बूती से हाथ रखे हुए दिख रहा है। तेज़ गति से गाड़ी आती है, लोगों को रौंदती है, लेकिन उसकी गति धीमी नहीं होती है। वह उसी तेज़ी से आगे निकल जाती है। पीछे-पीछे दो और गाड़ियाँ आती हैं और वे भी उसी तेज़ गति से आगे निकलती हैं।
पीछे की इन गाड़ियों में से एक में सवार रहे मंत्री टेनी के बेटे आशीष के समर्थक का भी एक दिन पहले एक वीडियो आ चुका है। उस वीडियो में एक पुलिसकर्मी उससे मौके पर पूछताछ करता दिख रहा है। उसमें वह स्वीकार करता है कि जिस गाड़ी ने किसानों को रौंदा था उसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा सवार था।
An eyewitness who was in the car with the BJP minister's son giving statement that the BJP minister's son was driving the car. How many proofs UP police want to establish that son of a union minister was driving the car that moved down farmers at Lakhimpur? #IndiaDemandsJustice pic.twitter.com/3Zp0ZavzCb
— Saleem Sarang (@Sarangsspeaks) October 6, 2021
रविवार को तीन गाड़ियों के काफिले ने किसानों को रौंद दिया था। उसमें 4 किसानों की मौत हो गई थी। हालाँकि मंत्री अजय मिश्रा और आशीष दोनों दावा करते रहे हैं कि आशीष उस वक़्त घटनास्थल पर था ही नहीं। वीडियो में देखा जा सकता है कि खून से लथपथ वह व्यक्ति ज़मीन पर बैठा है, जबकि पुलिस अधिकारी हाथ में माइक लिए हुए उससे पूछताछ करता दिख रहा है। एक सवाल के जवाब में वह शख्स कहता है कि वह एक काले रंग की फॉर्च्यूनर में था जिसमें पांच लोग थे। हाथ में माइक लिए पुलिसकर्मी पूछता है, 'आगे एक और गाड़ी थी वो किसकी थी?' इसमें वह शख्स जवाब देता है, 'भैया के साथ थी।' बता दें कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के समर्थक और उनके क़रीबी लोग उन्हें 'भैया' बुलाते हैं।
अब आए इन ताज़ा वीडियो से मंत्री और उनके बेटे के दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालाँकि इन वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि स्वतंत्र रूप से 'सत्य हिंदी नहीं कर सका है, लेकिन इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इन सभी वीडियो में दिख रहे घटनाक्रम और प्रत्यक्षदर्शियों के दावों में समानता दिख रही है। इसलिए पहली नज़र में ये वीडियो छेड़छाड़ के नहीं दिखते हैं।
लखीमपुर खीरी में रविवार को 8 लोग मारे गए थे। इसमें से चार किसान थे और किसानों का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री के बेटे ने उन्हें कार से कुचला।
रिपोर्ट है कि बाक़ी के चार लोग हिंसा में मारे गए थे। समझा जाता है कि रौंदे जाने के बाद किसानों में ग़ुस्सा फूटा था और फिर हिंसा हुई थी। लेकिन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी इससे इनकार करते रहे हैं कि उनके बेटे मोनू ने किसी को कुचला है। वह तो यहाँ तक दावा करते रहे हैं कि उनका बेटा घटनास्थल पर था ही नहीं।