पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीएम चुने जाने के बाद कहा है कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कश्मीर का राग भी छेड़ दिया। शहबाज ने संसद में अपने संबोधन में सोमवार को कहा, 'हम भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन कश्मीर के समाधान के बिना स्थायी शांति संभव नहीं है।'
वैसे, भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद ख़राब रहे हैं और बेहद नाजुक भी। पाकिस्तान अक्सर कश्मीर मुद्दे को उठाता रहा है और यह मुद्दा वहाँ की राजनीति को भी प्रभावित करता रहा है।
हालाँकि दोनों देशों के बीच आज़ादी के बाद से ही रिश्ते ख़राब रहे हैं और युद्ध भी हो चुके हैं, लेकिन हाल में दोनों देशों के बीच 2019 से फिर से तनाव बढ़ गया है, जब एक आत्मघाती हमलावर ने भारतीय कश्मीर में 40 भारतीय अर्धसैनिक बलों को मार डाला था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 1971 के बाद से पाकिस्तानी धरती पर भारत के पहले हवाई हमलों को अंजाम दिया था। इसके कारण हवाई हवाई लड़ाई भी हुई। भारत पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और वहाँ की जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए करने देने पर नाराज़गी जताता रहा है।
भारत के इन आरोपों के जवाब में जब तब पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को उठाता रहा है और उसके समाधान की बात कहता है। हालाँकि भारत का साफ़ तौर पर कहता रहा है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर कोई विवाद नहीं है।
इसी बीच अब जब इमरान ख़ान की सरकार गिरी है और नई सरकार बनी है तो नये प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बयान आया है। उन्होंने कहा, 'हम भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के बिना ऐसा नहीं हो सकता। हम हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे।'
इसके साथ ही अपने पूर्ववर्ती इमरान ख़ान के 'सरकार को हटाने की विदेशी साजिश' के दावों को ड्रामा करार देते हुए शहबाज ने इमरान के आरोपों के साबित होने पर इस्तीफा देने की पेशकश की।
कथित विदेशी साजिश से संबंधित पत्र और इमरान ख़ान सरकार के पतन का ज़िक्र करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा, 'पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति को तथाकथित विदेशी साजिश से संबंधित विवादास्पद पत्र पर जानकारी दी जाएगी। अगर साजिश साबित हुई तो मैं इस्तीफा दूंगा और घर जाऊंगा।'
बता दें कि इमरान खान ने दावा किया था कि अमेरिका पिछली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई सरकार को गिराने की साजिश में शामिल था।
रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार शहबाज शरीफ ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान देश के इतिहास में सबसे बड़े बजट घाटे के साथ-साथ ऐतिहासिक व्यापार और चालू खाता घाटे दर्ज करने के रास्ते पर है। उन्होंने निवर्तमान इमरान खान सरकार पर अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन का आरोप लगाया और कहा कि शरीफ की नई सरकार इसे पटरी पर लाने के लिए एक बड़ी चुनौती का सामना करने का इंतजार कर रही है।
बता दें कि शहबाज शरीफ सोमवार को ही पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री चुन लिए गये। वह पाकिस्तान के 23वें पीएम बने हैं। वह तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। शहबाज पाकिस्तान मुसलिम लीग-नवाज यानी पीएमएल-एन के प्रमुख हैं और तीन बार प्रधानमंत्री चुने गए नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। वह तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 155 सदस्यों वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के बहिष्कार के बाद 342 सीटों वाली नेशनल असेंबली में शहबाज को 174 वोट मिले। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के नेता शाह महमूद कुरैशी भी रविवार को अपने नामांकन पत्रों को मंजूरी मिलने के साथ प्रधानमंत्री पद के लिए मैदान में थे। लेकिन सत्र शुरू होने से पहले पाकिस्तान तहरीक-इंसाफ यानी पीटीआई ने चुनाव का बहिष्कार करने और निचले सदन से सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया।