भारत के साथ ही दुनिया भर में दशहत का पर्याय बन चुके कोरोना के नए स्ट्रेन के 8 मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। ये सभी लोग ब्रिटेन से लौटे थे। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि इन 8 लोगों में से 5 लोग मुंबई के हैं जबकि पुणे, ठाणे और मीरा भयंदर इलाक़े से एक-एक शख़्स है।
कोरोना की रोकथाम में जुड़े अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि इन 8 लोगों के संपर्क में कौन-कौन आया है। देश भर में अब तक इसके कुल 38 मामले सामने आ चुके हैं।
25 नवंबर से 23 दिसंबर, 2020 तक ब्रिटेन से 33 हज़ार लोग भारत लौटे हैं। ऐसे में इस स्ट्रेन के और मामले सामने आ सकते हैं। इन सभी लोगों को संबंधित राज्य सरकारें खोज रही हैं और इनका आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जा रहा है।
इस बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना के टीकाकरण के लिए राज्य सरकार की तैयारियों की समीक्षा की है। उन्होंने अफ़सरों से इस बात की भी जानकारी ली है कि कोरोना के इस नए स्ट्रेन के बाद क्या हालात हैं।
केंद्र सरकार ने एहतियात बरतते हुए ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर 23 दिसंबर से 31 दिसंबर तक प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन इसके बाद इसे 7 जनवरी तक के लिए बढ़ाना पड़ा था। हालांकि 8 जनवरी से प्रतिबंध हट जाएगा और ब्रिटेन से आने वाली उड़ानें देश में आ सकेंगी।
भारत की तैयारियां तेज़
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बने नेशनल टास्क फ़ोर्स ने इस नए स्ट्रेन से निपटने के लिए तैयारियां तेज़ कर दी हैं। इसके तहत इसके संक्रमण से प्रभावित कोरोना मरीज़ का पता लगाना, पहचान करना और इसे फैलने से रोकने की योजना पर काम किया जा रहा है।
नेशनल टास्क फोर्स ने कहा है कि कोरोना के इस नए स्ट्रेन के मद्देनज़र मौजूदा उपचार प्रोटोकॉल को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है। फोर्स ने कहा है कि नये क़िस्म के वायरस को सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ की स्वच्छता, मास्क पहनने और एक प्रभावी टीके की उपलब्धता से रोका जा सकता है।
कोरोना वैक्सीन को लेकर देखिए चर्चा-
उड़ानें रोकी गई थीं
भारत में ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध की घोषणा तब की गई थी जब वहां के अधिकारियों ने कहा था कि उनके देश में कोरोना का नया स्ट्रेन 'बेकाबू' हो गया है। तब ब्रिटेन में नये सिरे से सख़्त लॉकडाउन लगाया गया था।
इसके बाद अधिकतर यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया था। यूरोप के अलावा दुनिया भर के कई देशों ने भी ऐसे ही फ़ैसले लिए थे। ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैंकॉक ने कहा था कि वैज्ञानिकों ने इंग्लैंड के दक्षिण में वायरस के एक 'नए प्रकार' की पहचान की है जिससे संक्रमण अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ी से फैल सकता है।
अब तक डेनमार्क, नीदरलैंड, आस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी कोरोना के इस नए स्ट्रेन के मामले आ चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका में भी इसके संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
बेहद ख़तरनाक
ब्रिटेन में नये क़िस्म का कोरोना कितना ख़तरनाक है, इसका अंदाजा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की चिंता से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि कोरोना का यह नया रूप पहले वाले से 70 फ़ीसदी अधिक तेज़ी से फैलता है। इस हिसाब से यह पहले से कहीं ज़्यादा ख़तरनाक साबित हो सकता है। यही कारण है कि वैक्सीन आने के बाद भी कोरोना की इस नई क़िस्म से ज़्यादा खौफ़ है।
दो वैक्सीन को मंजूरी
इस सबके बीच, देश में दो वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए आख़िरी मंजूरी भी मिल गई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया यानी डीसीजीआई ने भी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया और भारत बायोटेक की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि अब आम लोगों के लिए वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए आख़िरी मुहर भी लग गई है। इस हफ़्ते टीकाकरण अभियान शुरू होने की उम्मीद है। विशेषज्ञ पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन को 1 जनवरी और भारत बायोटेक की वैक्सीन को 2 जनवरी को हरी झंडी दे दी थी।