बदायूं रेप: NCW की सदस्य बोलीं- महिलाएं शाम को अकेले न निकलें

12:54 pm Jan 08, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

महिलाएं चाहे वे दफ़्तर जाती हों या हाउसवाइफ़, उनकी मुश्किलों को समझने और उनकी मदद के लिए बनाए गए राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा से लेकर इसकी सदस्य तक ऐसे बयान देती रही हैं, जिन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी द्वारा बदायूं में महिला के साथ हुई बर्बरता को लेकर दिए गए बयान के कारण आयोग की आलोचना हो रही है। 

चंद्रमुखी देवी ने बदायूं में पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, ‘किसी के प्रभाव में महिला को समय-असमय नहीं पहुंचना चाहिए। मैं सोचती हूं कि अगर शाम के समय वह महिला नहीं गई होती या परिवार का कोई बच्चा साथ में होता तो शायद ऐसी घटना नहीं होती।’ उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए पहले से योजना बनाई गई थी क्योंकि महिला को फ़ोन करके बुलाया गया था, वह चली गई और बेहद ख़राब हालत में लौटी। चंद्रमुखी देवी ने बदायूं पहुंचकर पीड़ित परिवार और एसएसपी से मिलकर घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में पुलिस की भूमिका से संतुष्ट नहीं हैं। 

बदायूं में 50 वर्षीय महिला तब बर्बरता का शिकार हुई थी जब वह बीते रविवार की शाम को मंदिर गयी थी। मंदिर के महंत और उसके दो चेलों पर महिला के साथ बलात्कार और उसकी हत्या करने का आरोप है। इस वीभत्स वारदात के बाद महंत कई दिनों तक ग़ायब रहा और चार दिन बाद पुलिस उसे गिरफ़्तार कर पाई है। पुलिस ने उसकी जानकारी देने पर 50 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया था। मामले में दो अन्य आरोपियों की गिरफ़्तारी पहले ही हो चुकी है। महंत की पहचान सत्यानंद के रूप में की गई है।

महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा।

महिला आयोग ने किया किनारा

चंद्रमुखी देवी के कहने का मतलब यही है कि महिलाएं शाम होने के बाद अकेले घर से नहीं निकलें और अगर निकलें तो किसी को साथ लेकर ज़रूर निकलें। जैसे ही चंद्रमुखी देवी का यह बयान वायरल हुआ, महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा को ट्वीट कर कहना पड़ा कि यह आयोग का पक्ष नहीं है और वह इस बयान की निंदा करती हैं। 

रेखा शर्मा ने कहा, ‘महिलाओं को अधिकार है कि वह अपनी इच्छा से कहीं भी और कभी भी जा सकती हैं। यह समाज और सरकार की जिम्मेदारी है कि वे महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाएं।’ 

कथित लव जिहाद पर किरकिरी

कथित लव जिहाद की घटनाओं को लेकर मचे शोर के बीच भी महिला आयोग की किरकिरी हुई थी और सोशल मीडिया पर रेखा शर्मा के इस्तीफ़े की मांग की गई थी। महिला आयोग के ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में कथित लव जिहाद के मामले बढ़ने का ज़िक्र किया गया था। इस ट्वीट को महिला विरोधी बताया गया था और ट्विटर यूज़र्स ने रेखा शर्मा के पुराने ट्वीट निकालकर उनसे सवाल पूछे थे। इसके बाद रेखा शर्मा ने अपने कई पुराने ट्वीट डिलीट कर दिए थे।

कंगना के बयान पर चुप्पी

सिने अदाकारा कंगना रनौत ने कुछ महीने पहले जब शिव सेना एमएलसी उर्मिला मातोंडकर को सॉफ्ट पोर्न स्टार कहा था, तब भी ट्विटर यूजर्स ने रेखा शर्मा को घेर लिया था। यूजर्स ने कहा था कि कंगना के इस आपत्तिजनक कमेंट के बाद भी महिला आयोग की अध्यक्ष इस पर चुप क्यों हैं। ट्विटर पर खासी आलोचना के बाद रेखा शर्मा ने कहा था कि उन्हें अपने काम के लिए किसी के सर्टिफ़िकेट की ज़रूरत नहीं है। 

बहरहाल, चंद्रमुखी देवी जिस पद पर हैं, वहां उनसे उम्मीद की जाती है कि उनकी भूमिका महिलाओं को हिम्मती और निडर बनाने की होगी। लेकिन वे तो ऐसे बयान देकर महिलाओं को घरों के अंदर दुबकने और बाहर निकलना भी हो तो किसी को साथ लेकर निकलने की वकालत कर रही हैं। इस तरह का बयान देकर उन्होंने एक तरह से महिला के साथ हुई बर्बरता के लिए जिम्मेदार अभियुक्तों को बचाने की कोशिश की है।