अंधविश्वास किस हद तक लोगों को क्रूर बना सकता है और ईश्वर को खुश करने के लिए लोग किस हद तक जा सकते हैं, इसकी एक मिसाल मध्य प्रदेश में मिली है।
मध्य प्रदेश के दमोह के एक सूखा प्रभावित गाँव में कम से कम छह नाबालिग लड़कियों को नग्न कर घुमाया गया। यह एक धार्मिक रिवाज के तहत किया गया और आयोजकों का मानना है कि इससे ईश्वर खुश हो जाएंगे और बारिश होगी।
यह दमोह ज़िला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर बनिया गाँव में हुआ है। यह बुन्देलखंड का इलाक़ा है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग यानी नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) ने इसका संज्ञान लेते हुए ज़िला अधिकारी से इस पर विस्तृत रिपोर्ट माँगी है।
दमोह के पुलिस सुपरिटेंडेंट ने कहा है कि पुलिस को यह जानकारी मिली कि एक गाँव में लोगों ने एक स्थानीय धार्मिक रिवाज के तहत बारिश के देवता को खुश करने के लिए कुछ लड़कियों को नग्न कर घुमाया।
उन्होंने कहा,
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पुलिस मामले की जाँच कर रही है। यदि यह पाया गया कि लड़कियों को उनकी इच्छा के ख़िलाफ़ नग्न किया गया तो कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस सुपरिटेंडेंट, दमोह
क्या कहना है प्रशासन का?
उन्होंने कहा कि यहाँ यह रिवाज है कि लड़कियाँ नंगी होकर कंधे पर एक लकड़ी उठा कर चलती हैं, जिस पर एक मेढक बंधा होता है। लड़कियों के साथ चल रही औरतें भजन गाती हैं।
दमोह के ज़िला कलेक्टर एस. कृष्ण चैतन्य ने कहा कि जल्द ही एक रिपोर्ट एनसीपीसीआर को सौंपी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इन लड़कियों के अभिभावक भी इस रिवाज से जुड़े हुए हैं और उन्हें इस अंधविश्वास के ख़िलाफ़ जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने कहा,
“
इस तरह के मामलों में प्रशासन लोगों को अंधविश्वास के ख़िलाफ़ जागरूक ही कर सकता है।
एस. कृष्ण चैतन्य, ज़िला कलेक्टर, दमोह
इस बीच इस वारदात से जुड़े दो वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहे हैं। एक वीडियो में लगभग पाँच साल की उम्र की कुछ नग्न लड़कियाँ कंधे पर लकड़ी उठा कर चल रही हैं और उनके साथ कुछ औरतें भजन गाती हुई दिख रही हैं।
एक दूसरे वीडियो में कुछ औरतें यह कहते हुए दिखती हैं कि ऐसा इसलिए किया गया कि धान की फसल सूख चुकी है।