ईडी के रडार पर हैं एनसीपी के दिग्गज नेता!
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर ख़ान सहित छह लोगों के ख़िलाफ़ ड्रग्स मामले में चार्जशीट दायर कर दी है। माना जा रहा है कि एनसीबी जल्द ही समीर ख़ान को गिरफ़्तार कर सकती है। एनसीबी समीर ख़ान को इस साल जनवरी में भी इस मामले में गिरफ़्तार कर चुकी है।
महाराष्ट्र में बीजेपी और महा विकास आघाडी सरकार की लड़ाई में जांच एजेंसियों के जरिये सरकार में शामिल दलों पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है। बीते दिनों में ऐसे कई राजनीतिक वाकये हुए हैं, जो इस ओर संकेत करते हैं कि एनसीपी के बड़े नेता ईडी के रडार पर हैं।
प्रताप सरनाइक का पत्र
इस दबाव का जिक्र करते हुए यह याद दिलाना भी ज़रूरी होगा कि शिव सेना विधायक प्रताप सरनाइक ने बीते महीने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वह शिव सेना के नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों से बचाने के लिए बीजेपी के साथ समझौता कर लें। प्रताप सरनाइक ख़ुद 175 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं।
खडसे के दामाद की गिरफ़्तारी
बहरहाल, हाल में जो अहम राजनीतिक वाक़ये हुए हैं, उनमें पहला और ताज़ा वाकया है- दो दिन पहले ही जांच एजेंसी ईडी ने राज्य के बड़े नेता एकनाथ खडसे के दामाद गिरीश चौधरी को गिरफ़्तार कर लिया है। दामाद की गिरफ़्तारी के बाद ईडी ने खडसे से 9 घंटे से भी ज़्यादा देर तक पूछताछ की है।
सूत्रों का कहना है कि खडसे के जवाबों से ईडी के अधिकारी संतुष्ट नहीं हैं। खडसे ने आरोप लगाया है कि जबसे उन्होंने बीजेपी छोड़कर एनसीपी ज्वाइन की है, तब से उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है। खडसे कुछ महीने पहले ही बीजेपी छोड़कर एनसीपी में आए थे और तब उन्होंने कहा था, ‘अगर मेरे ख़िलाफ़ किसी ने ईडी लगाई तो मैं सीडी चला दूंगा।’
देशमुख के निजी सहायक गिरफ़्तार
इसके अलावा ईडी पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को उसके सामने पेश होने के लिए धड़ाधड़ नोटिस भेज रही है हालांकि देशमुख अपनी सेहत का हवाला देकर इससे बच रहे हैं। 100 करोड़ रुपये की वसूली के मामले में ईडी बीते महीने अनिल देशमुख और उनके निजी सहायकों के घरों पर छापेमारी कर चुकी है। इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर 26 जून को देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को इस जांच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया था।
अजित पवार पर कसता शिकंजा
1 जुलाई को ईडी ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले के मामले में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की 65 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त कर लिया था। इन संपत्तियों में ज़मीन, इमारत, सतारा में लगी सहकारी शुगर मिल शामिल हैं।
लगातार भिड़ंत
साल 2019 में महाराष्ट्र में जब शिव सेना ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, बीजेपी से उसकी भिड़ंत होती रही है। बीते साल जब सुशांत प्रकरण की जांच मुंबई पुलिस से ले ली गई, जांच एजेंसियों ने शिव सेना विधायकों के वहां छापेमारी की सहित कई मामलों में महा विकास आघाडी सरकार और बीजेपी आमने-सामने रहे।
बीते कुछ दिनों में हुई ताबड़तोड़ मुलाक़ातों और महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित किए जाने के कारण भी राज्य की सियासत में खलबली मची हुई है।
बहरहाल, चाहे खडसे हों या फिर अनिल देशमुख या अजित पवार और नवाब मलिक, चारों का ही महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा क़द है और चारों ही नेता एनसीपी में हैं। अगर ईडी की कोशिश एनसीपी को दबाव में लिए जाने की है तो आने वाले दिनों में महा विकास आघाडी सरकार बनाम बीजेपी-केंद्र सरकार के बीच घमासान और तेज़ हो सकता है।