नवनीत राणा का पत्र: बिड़ला ने ठाकरे सरकार से मांगा जवाब
बीजेपी की सांसद नवनीत राणा के द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है। नवनीत राणा ने ओम बिड़ला को एक पत्र लिखकर कहा था कि उनके साथ खार के पुलिस थाने में अमानवीय व्यवहार किया गया है।
नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। राणा दंपति की ओर से मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का एलान किया गया था जिसके बाद शिवसैनिकों ने इसका जमकर विरोध किया था।
नवनीत राणा व रवि राणा को मुंबई की अलग-अलग जेलों में रखा गया है और वे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं।
क्या कहा था पत्र में?
नवनीत राणा ने अपने पत्र में कहा था कि उन्हें पूरी रात भर पानी तक नहीं दिया गया और वॉशरूम जाने की इजाजत भी नहीं दी गई। नवनीत राणा के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वह दलित समुदाय से हैं। नवनीत राणा ने कहा था कि पुलिस के स्टाफ ने उनसे कहा कि वह दलित समुदाय से हैं इसलिए उन्हें थाने के गिलास में पानी पीने नहीं दिया जा सकता।
नवनीत राणा ने उन पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए मुंबई हाई कोर्ट का रुख किया था लेकिन हाई कोर्ट ने एफआईआर को रद्द करने से इंकार कर दिया।
बीजेपी-शिवसेना के बीच जंग
इस मामले में महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों बीजेपी और शिवसेना के बीच जबरदस्त जंग छिड़ी हुई है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि बीजेपी के सभी नेता और कार्यकर्ता हनुमान चालीसा पढ़ेंगे और उद्धव सरकार में हिम्मत है तो वह सभी पर राजद्रोह लगाकर दिखाए।
इसके जवाब में शिवसेना प्रवक्ता संजय रावत ने कहा है कि किसी का मन अशांत है तो वह हनुमान चालीसा जरूर पढ़े लेकिन अपने घर पर पढ़े।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हनुमान चालीसा पढ़नी है तो उनके घर जरूर आएं और वह आदर सत्कार करेंगे लेकिन दादागिरी की गई तो शिवसेना प्रमुख ने सिखाया है कि दादागिरी कैसे निकाली जाती है।