नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफ़ा
नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। हालाँकि उन्होंने कहा है कि वह कांग्रेस में काम करते रहेंगे। सोनिया गांधी को लिखे इस्तीफ़े में उन्होंने कहा है कि वह पंजाब के भविष्य और राज्य के कल्याण के एजेंडे से समझौता नहीं कर सकते हैं। उनका यह फ़ैसला चौंकाने वाला है। कांग्रेस आलाकमान के लिए भी और उनके समर्थकों और राजनीतिक विश्लेषकों के लिए भी।
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 28, 2021
उनका यह इस्तीफ़ा ऐसे समय में आया है जब लग रहा था कि पंजाब कांग्रेस में अब सबकुछ ठीक होने को है। चरणजीत सिंह चन्नी नये मुख्यमंत्री बन गए। हाल में जो तसवीरें आई थीं उसमें भी सिद्धू नये मुख्यमंत्री के साथ काफ़ी सहज और खुश दिखते रहे थे। और जिस कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनकी तनातनी चल रही थी उनको भी दरकिनार कर दिया गया था। ऐसे में सवाल है कि अब ऐसा क्या हो गया कि उन्होंने राज्य में कांग्रस अध्यक्ष पद छोड़ दिया? जब पंजाब कांग्रेस में सब कुछ उनके पक्ष में चलता दिख रहा था तो उन्होंने ऐसा फ़ैसला क्यों लिया? क्या उनकी अपेक्षाएँ और ज़्यादा थीं?
इस सवाल का जवाब नवजोत सिंह ने अपने इस्तीफ़े में देने की कोशिश की है। हालाँकि, उन्होंने इसके लिए सिर्फ़ चार लाइनें ही लिखी हैं। उन्होंने कहा है कि वह कुछ चीजों से समझौता नहीं कर सकते हैं क्योंकि इससे व्यक्तित्व ख़त्म हो जाता है। उन्होंने इसमें यह भी साफ़ किया है कि वह किस चीज से समझौता नहीं कर सकते हैं। उन्होंने लिखा है कि वह पंजाब के भविष्य और राज्य के कल्याण के एजेंडे से समझौता नहीं कर सकते हैं। तो सवाल है कि इसके लिए पंजाब अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की ज़रूरत क्यों आन पड़ी? क्या वह कुछ और चाहते थे? या कुछ और कारण है?
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के क़रीबी के तौर पर जाने जाने वाले सिद्धू को तो कुछ फ़ैसलों के बाद 'सुपर चीफ़ मिनिस्टर' भी कहा गया। लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि कुछ फ़ैसलों में कथित तौर पर उनसे सलाह नहीं ली गई थी या फिर हाल ही में शीर्ष नियुक्तियों में उनकी अनदेखी की गई थी। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि सिद्धू इन नियुक्तियों से परेशान थे और उनका मानना था कि ऐसे भ्रष्टाचार से नहीं लड़ा जा सकता है। सिद्धू के त्यागपत्र में भी कुछ इस तरह के संकेत मिलते हैं जब वह कहते हैं कि वह पंजाब के लिए समझौता नहीं कर सकते हैं।
इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का भी बयान आया है और इस सवाल का जवाब उन्होंने अपने तरीक़े से देने की कोशिश की है कि सिद्धू ने इस्तीफ़ा क्यों दिया। उन्होंने ट्वीट किया है, 'मैंने आप सभी से कहा था... वह स्थिर व्यक्ति नहीं हैं और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए उपयुक्त नहीं हैं।'
I told you so…he is not a stable man and not fit for the border state of punjab.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) September 28, 2021
वैसे, कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबे समय से तनातनी चली रही है। इसी तनातनी के बीच क़रीब 10 दिन पहले अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस हाईकमान ने कैप्टन के पुरजोर विरोध के बाद प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। उनके अध्यक्ष बनने के बाद कैप्टन पर और ज़्यादा दबाव बना था। कैप्टन के इस्तीफ़े से पहले पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुला ली गई थी।
इस इस्तीफ़े वाले घटनाक्रम से पहले सिद्धू ने तो अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ खुलेआम मोर्चा खोल दिया था और यहाँ तक कह दिया था कि वह 'ईंट से ईंट' बजा देंगे।
तब सिद्धू ने कहा था, 'आज भी मैं हाईकमान से यह बात कहकर आया हूँ कि अगर मैं इस पंजाब मॉडल पर, लोगों की आशाओं पर खरा उतरा तो 20 साल तक कांग्रेस को जाने नहीं दूंगा, अगर आप मुझे फ़ैसले नहीं लेने देंगे तो मैं ईंट से ईंट बजा दूंगा।' उन्होंने कहा था कि दर्शनी घोड़ा बने रहने से कोई फ़ायदा नहीं है।