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सिद्धू बोले- ऊपर वाले चाहते हैं कमजोर मुख्यमंत्री 

सिद्धू बोले- ऊपर वाले चाहते हैं कमजोर मुख्यमंत्री 

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम के चेहरे के एलान से ठीक पहले यह बयान देकर कि ऊपर वाले कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं अपने तेवर साफ कर दिए हैं। 

पंजाब कांग्रेस में सीएम के चेहरे को लेकर चल रही रायशुमारी के बीच प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का बड़ा बयान सामने आया है। सिद्धू एक वीडियो में लोगों से कहते हैं, “अगर आपको नया पंजाब बनाना है तो यह मुख्यमंत्री के हाथ में होता है, जैसा मुख्यमंत्री होता है वैसा ही राज्य हो जाता है।” 

सिद्धू लोगों से कहते हैं कि अबकी बार मुख्यमंत्री आप लोगों को चुनना है। अगर आप मुख्यमंत्री के पद पर एक ईमानदार शख्स को बैठाओगे तो नीचे तक ईमानदारी रहेगी और अगर ऊपर चोर बैठा दोगे तो...। 

इसके आगे सिद्धू कहते हैं कि ऊपरवाले चाहते हैं कि कोई कमजोर मुख्यमंत्री हो जो इनकी ताल पर नाचे। सिद्धू लोगों से पूछते हैं कि क्या उन्हें ऐसा मुख्यमंत्री चाहिए। इसके बाद उनके समर्थक जोरदार नारा लगाते हैं कि हमारा सीएम कैसा हो नवजोत सिद्धू जैसा हो।

रेस में आगे हैं चन्नी

बता दें कि कांग्रेस हाईकमान पंजाब में मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान करने ही वाला है। मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि 6 फरवरी को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सीएम के चेहरे का एलान कर सकते हैं। इस बात की बहुत संभावना है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को ही पार्टी हाईकमान चेहरा बनाएगा। 

मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि कांग्रेस हाईकमान सीएम के चेहरे के चुनाव के लिए पंजाब में विधायकों, मंत्रियों, संगठन के पदाधिकारियों, फ्रंटल संगठन के कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर रहा है और इसमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का नाम काफी आगे चल रहा है।

बग़ावत का ख़तरा

लेकिन सिद्धू ने सीएम के चेहरे के एलान से ठीक पहले यह बयान देकर कि ऊपर वाले कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं अपने तेवर साफ कर दिए हैं। इतना तय है कि अगर कांग्रेस हाईकमान चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम का चेहरा बनाता है तो सिद्धू और उनके समर्थकों की नाराजगी का सामना पार्टी को करना पड़ेगा। 

सिद्धू की सियासी ख्वाहिश पंजाब का मुख्यमंत्री बनने की है और वह कई बार इसे जता भी चुके हैं। अगर हाईकमान चन्नी को चेहरा बनाता है तो देखना होगा कि सिद्धू हाईकमान के फैसले को सिर झुका कर मानेंगे या फिर बगावती रास्ता पकड़ेंगे। अगर उन्होंने बगावत की तो निश्चित रूप से कांग्रेस को चुनाव में यह भारी पड़ सकती है।

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