टोक्यो ओलंपिक 2020 के सेमीफ़ाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम और भारतीय महिला हॉकी टीम को स्पॉन्सर नहीं मिल रहा था तो मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सामने आए और ओडिशा सरकार ने यह ज़िम्मेदारी उठाई थी।
ओडिशा सरकार ने 2018 में ही दोनों टीमों की ज़िम्मेदारी ली और 150 करोड़ रुपए खर्च कर दोनों ही टीमों को पाँच साल के लिए स्पॉन्सर किया।
सोमवार की सुबह नवीन पटनायक अपने कमरे में टीवी स्क्रीन के सामने आँखें गड़ाए अपनी टीम का प्रदर्शन देख रहे थे और बीच बीच में तालियाँ पीट रहे थे।
भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक 2020 के क्वार्टर फ़ाइनल में अपने से बहुत मजबूत ऑस्ट्रेलिया से भिड़ी हुई थी और पटनायक की तनावपूर्ण निगाहें इसी वजह से टीवी स्क्रीन पर टिकी हुई थीं।
उनकी टीम ने उन्हें निराश नहीं किया, 22 वें मिनट में गुरजीत कौर ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर पाँसा पलट दिया और अजेय माने जाने वाली ऑस्ट्रियाई टीम पर 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।
नवीन पटनायक, मुख्यमंत्री ओडिशा
मजबूत सुरक्षा टीम ने यह बढ़त बरक़रार रखी और ऑस्ट्रेलिया को हराते हुए भारत सेमीफ़ाइनल में दाखिल हो गया।
भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार ओलंपिक सेमीफ़ाइनल में खेलेगी। यह असंभव कारनामा है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया भारत की तुलना में बहुत ही मजबूत टीम है और उसका प्रदर्शन लगातार बेहतरीन था।
नवीन पटनायक ने तुरन्त ट्वीट कर टीम को बधाई दी।
इसी तरह भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एक दिन पहले ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से शिकस्त देकर 49 साल बाद ओलंपिक सेमीफ़ाइनल में जगह बना ली।
ओलंपिक में भारत ने अंतिम पदक 1980 में जीता था जब मॉस्को ओलंपिक का बॉयकाट हुआ था और सिर्फ छह हॉकी टीमों ने शिरकत की थी। इसमें ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड जैसी बड़ी टीमें नहीं थीं।
वह मैच राउंड रॉबिन लीग के आधार पर हुआ था और सबसे अधिक अंकों की वजह से भारत ने सोना जीता था, भारत ने सेमीफ़ाइनल नहीं खेला था।
केंद्र ने की थी खेल बजट में कटौती
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का यह प्रदर्शन ऐसे समय हुआ है जब भारतीय मीडिया का एक हिस्सा ओलंपिक में भारतीयों की कामयाबी का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रहा है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में खेलकूद विभाग के बजट में 230.78 करोड़ रुपए की कटौती कर दी थी।
पहले बजट में खेलकूद के मद में 2826.92 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया था। लेकिन बाद में इसे कम कर 2596.14 करोड़ रुपए कर दिया गया था।
केंद्र सरकार ने 'खेलो इंडिया' के बजट को 890.42 करोड़ रुपए से कम कर 660.41 करोड़ रुपए कर दिया था।
भारतीय हॉकी टीम को तो 2018 से ही कोई स्पॉन्सर नहीं मिल रहा था, जब ओडिशा सरकार सामने आई थी।