अब से थोड़ी ही देर बाद बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार शपथ लेगी। नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। लेकिन बड़ी ख़बर यह है कि जनता दल यूनाइटेड ने सरकार में शामिल होने से मना कर दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने कहा है कि उन्हें सरकार में केवल एक पद दिया जा रहा था। उन्होंने साफ़ किया कि जेडीयू एनडीए में बनी रहेगी।
मोदी की कैबिनेट में कौन शामिल होगा और कौन नहीं, इसे लेकर पूरे देश में चर्चाओं का दौर जारी है। शपथ ग्रहण समारोह से पहले मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच डेढ़ घंटे तक बैठक हुई है। बताया जा रहा है कि इसमें शपथ लेने वाले मंत्रियों के नाम फ़ाइनल किये गए हैं और उनसे प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से संपर्क किया गया है। इससे पहले भी मोदी और शाह के बीच मंत्रिमंडल के गठन को लेकर बैठक हो चुकी है।
आइए, जानते हैं कि वे कौन-कौन से चेहरे हैं जो मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही यह भी देखना ज़रूरी होगा कि कैबिनेट में किन राज्यों को कैसा प्रतिनिधित्व मिलता है और सहयोगियों को कितनी सीटें मिलती हैं।
मोदी कैबिनेट में शामिल होने को लेकर सबसे बड़ा सस्पेंस बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को लेकर था, लेकिन गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष जीतू वघानी के ट्वीट के बाद यह सस्पेंस ख़त्म हो गया है। जीतू वघानी ने ट्वीट कर शाह को मंत्रिमंडल में शामिल होने की बधाई दी है। इस बात के जोरदार कयास लगाए जा रहे हैं कि शाह को केंद्र में वित्त या गृह मंत्रालय दिया जा सकता है।इसके अलावा पिछली सरकार में गृह मंत्री की ज़िम्मेदारी संभाल चुके राजनाथ सिंह को इस बार स्पीकर बनाए जाने की चर्चा है। विदेश और रक्षा मंत्रालय के लिए नितिन गडकरी व निर्मला सीतारमण के नाम की चर्चा है। सुषमा स्वराज मंत्रिमंडल में शामिल होंगी या नहीं, इसे लेकर सस्पेंस है। पीयूष गोयल को रेल मंत्रालय और स्मृति ईरानी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय दिया जा सकता है।
इन नेताओं के अलावा मुख़्तार अब्बास नक़वी, प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद, नरेंद्र सिंह तोमर, धर्मेंद्र प्रधान, जेपी नड्डा, गिरिराज सिंह, आरके सिंह, वीके सिंह, डॉ. महेश शर्मा, रामविलास पासवान, अनुप्रिया पटेल, राज्यवर्धन सिंह राठौर, अर्जुन सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत और रामदास आठवले के भी कैबिनेट में शामिल होने की चर्चा है।
बता दें कि पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने इस बार सरकार में शामिल न होने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने अपने ख़राब स्वास्थ्य का हवाला दिया है।
सहयोगी दलों को कितनी जगह
पिछली सरकार में जनता दल यूनाइटेड की ओर से सरकार में कोई मंत्री नहीं था। इस बार भी जेडीयू ने सरकार में शामिल होने से मना कर दिया है।पिछली सरकार में शिवसेना की ओर से अंनत गीते एकमात्र मंत्री थे। देखना होगा कि इस बार शिवसेना से किसे मंत्री पद मिलता है। अपना दल की ओर से अनुप्रिया पटेल का फिर से मंत्री बनना तय माना जा रहा है। अकाली दल से सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर में से किसी एक को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में किसे मंत्री पद मिलेगा, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है। एलजेपी मुखिया राम विलास पासवान और उनके सांसद बेटे चिराग पासवान में से किसी एक को मंत्री पद मिल सकता है।
राज्यों की भागीदारी
देश का सबसे बड़ा राज्य होने और एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के बावजूद उत्तर प्रदेश में मिली बीजेपी को बड़ी जीत के कारण यह माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में प्रदेश को इस बार भी ज़्यादा भागीदारी मिलेगी।मोदी ख़ुद राज्य की अमेठी सीट से सांसद हैं और राजनाथ सिंह लखनऊ से। इसके अलावा अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को हराने वालीं स्मृति ईरानी केंद्र में अहम ओहदे की दावेदार हैं तो मेनका गाँधी, संतोष गंगवार, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय, पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह, गौतमबुद्ध नगर से सांसद डॉ. महेश शर्मा, इलाहाबाद से सांसद रीता बहुगुणा जोशी, बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह, मुज़फ़्फ़रनगर से सांसद संजीव बालियान, ग़ाज़ीपुर से चुनाव हारे मनोज सिन्हा को भी सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है।उत्तर प्रदेश के अलावा बंगाल, कर्नाटक और ओडिशा को भी कैबिनेट में अच्छा प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद है। पश्चिम बंगाल में 2 साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, उम्मीद है कि वहाँ से ज़्यादा मंत्री बनाए जा सकते हैं। बीजेपी ने इस बार बंगाल में 18 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि 2014 में उसे 2 सीटें मिली थीं। इसके अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड को भी कैबिनट में जगह मिलनी तय है क्योंकि इन राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
बहरहाल, इन सभी अटकलों पर विराम शाम को 7 बजे लग जाएगा। कैबिनेट के विस्तार से यह भी पता चलेगा कि सरकार में किस जाति व किस क्षेत्र के लोगों को प्रतिनिधित्व मिला है। फिलहाल इसे लेकर चर्चाओं का दौर जारी है।