प्रतिमा ढहने पर पीएम- 'आराध्य देव शिवाजी महाराज के चरणों में मस्तक रख माफी मांगता हूं'
'पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, आज मैं सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।'
क्या प्रधानमंत्री मोदी की ऐसी माफी कभी आपने पढ़ी या सुनी है? पीएम मोदी ने शिवाजी महाराज को अब आराध्य देव क़रार दिया और कहा कि सिर झुकाकर मैं शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूँ। उनकी यह माफी तब आई है जब पूरे महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर जबरदस्त ग़ुस्सा है। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ही खुद इसका आठ महीने पहले अनावरण किया था। इस वजह से सरकार के साथ पीएम मोदी भी निशाने पर रहे।
लेकिन अब जब वह महाराष्ट्र में अगले कुछ महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पालघर पहुँचे तो उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने का न सिर्फ़ ज़िक्र किया, बल्कि अलग ही अंदाज़ में माफी मांगी।
PM Shri @narendramodi lays foundation stone of Vadhvan Port, launches development works in Palghar. https://t.co/Y1tAQEQPks
— BJP (@BJP4India) August 30, 2024
मालवन में राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना सोमवार दोपहर क़रीब 1 बजे घटी। अचानक से 35 फुट ऊंची प्रतिमा गिर गई। पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था। यानी क़रीब आठ महीने पहले ही पीएम मोदी प्रतिमा अनावरण के मौक़े पर तस्वीरें खींचवा रहे थे।
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची है। यह कितना बड़ा मुद्दा है, यह इससे समझा जा सकता है कि बीजेपी के साथ एनडीए सरकार में शामिल अजित पवार का एनसीपी खेमा बेहद नाराज़ है। उनकी एनसीपी अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ मौन प्रदर्शन कर रही है। अहम बात यह भी है कि अगले कुछ महीने में ही राज्य में चुनाव होने वाले हैं। शिवाजी की प्रतिमा ढहने की नाराज़गी कहीं कुछ राजनीतिक दलों की चुनावी नैया न डुबो दे, यह चिंता तो नेताओं को है ही।
कांग्रेस ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा है, 'हालात ये हैं कि भ्रष्टाचार के मामले में महापुरुषों को भी नहीं बख्शा जा रहा है।' घटना के दिन कांग्रेस ने कहा था, 'बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर 2023 को महाराष्ट्र के राजकोट में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया। अब क़रीब आठ महीने बाद छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह गई। हालात ये हैं कि भ्रष्टाचार के मामले में महापुरुषों को भी बख्शा नहीं जा रहा है।'
शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा था, "सिंधुदुर्ग में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढह गई। मोदी जी ने पिछले साल दिसंबर में इसका उद्घाटन किया था। ठेकेदार कौन था? क्या यह सही है कि यह काम ठाणे के ठेकेदार को दिया गया था? ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? ठेकेदार ने ‘खोके सरकार’ को कितना ‘खोके’ दिया?" हालाँकि, घटना के तुंरत बाद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तेज हवाओं के कारण प्रतिमा गिरने का आरोप लगाया था।
पैरों पर सिर रख 100 बार माफी मांगने को तैयार: शिंदे
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह मराठा योद्धा के पैरों पर सिर रखकर प्रतिमा ढहने के लिए 100 बार माफी मांगने को तैयार हैं। उन्होंने विपक्षी दलों से इस मामले में राजनीति नहीं करने की भी अपील की। शिंदे ने कहा कि 'हमने समितियां बनाई हैं। एक समिति इसकी जांच करेगी और कार्रवाई करेगी और दूसरी समिति छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति जल्द से जल्द बनाने के इरादे से बनाई गई है... हम युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं, हम तैयारी कर रहे हैं।' शिंदे ने कहा, 'जितनी जल्दी हो सके वहां शिवाजी महाराज की एक भव्य प्रतिमा बनाई जाए।'
बहरहाल, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिमा गिरने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन किया और माफी मांगी। शुक्रवार को वधवन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखने के बाद महाराष्ट्र के पालघर जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, '2013 में जब मेरी पार्टी ने मुझे पीएम उम्मीदवार घोषित किया, तो सबसे पहले मैंने रायगढ़ किला जाकर पूजा की। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने श्रद्धा से सिर झुकाया।' उन्होंने आगे कहा
“
हमारे लिए शिवाजी महाराज सिर्फ राजा नहीं हैं, बल्कि वे हमारे आराध्य देव हैं जिनकी हम पूजा करते हैं और जिनसे प्रेरणा लेते हैं।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
उन्होंने कहा, 'जो लोग छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना देवता मानते हैं और उन्हें इससे गहरी ठेस पहुंची है, मैं उनसे सिर झुकाकर माफी मांगता हूं। हमारे मूल्य अलग हैं। हमारे लिए हमारे देवता से बड़ा कुछ नहीं है।'
इस बीच प्रधानमंत्री ने सावरकर और उनकी विचारधारा पर अक्सर हमला करने के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, 'हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस धरती के सपूत वीर सावरकर को गाली देते और अपमानित करते रहते हैं। वे (विपक्ष) माफ़ी मांगने को तैयार नहीं हैं, वे अदालत जाकर लड़ने को तैयार हैं'।
इससे पहले पालघर में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने वधवन बंदरगाह की आधारशिला रखी। इस परियोजना की कुल लागत करीब 76,000 करोड़ रुपये है।