केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ ग़लत बयानबाज़ी करने के आरोप में गिरफ्तार भी कर लिया गया था और उनकी जमानत भी हो गई थी। लेकिन सत्य हिंदी के हाथ एक ऐसी जानकारी लगी है जिससे साफ हो रहा है कि नारायण राणे की गिरफ़्तारी की कहानी एक दिन पहले ही तैयार कर ली गई थी।
अनिल परब को सौंपा जिम्मा
खुद उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने नारायण राणे की गिरफ़्तारी के लिए हरी झंडी दिखाई थी। राणे की गिरफ़्तारी की मॉनिटरिंग करने के लिए ठाकरे परिवार ने अपने खासमखास मंत्री अनिल परब को लगाया था।
अब अनिल परब का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें अनिल परब महाराष्ट्र के कुछ बड़े पुलिस अधिकारियों पर राणे की गिरफ़्तारी को लेकर दबाव बना रहे हैं। आपको बताते हैं कि किस तरह से हुई थी नारायण राणे की गिरफ़्तारी।
दरअसल, सोमवार की शाम को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने रायगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राणे से एक पत्रकार ने उद्धव ठाकरे पर सवाल पूछ लिया। राणे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए बयान दे डाला कि अगर स्वतंत्रता दिवस पर उद्धव ठाकरे द्वारा दिए गए भाषण के दौरान वह वहां पर मौजूद होते तो उद्धव ठाकरे को थप्पड़ जड़ देते। जैसे ही राणे का यह बयान मीडिया में सुर्खियां बटोरने लगा वैसे ही इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तक भी पहुंच गई।
ठाकरे ने फौरन महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब को राणे के बयान के बारे में बताया। उसके बाद उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और अनिल परब की आपस में बातचीत हुई कि इस बार नारायण राणे ने लक्ष्मण रेखा को ज्यादा लांघ लिया है। ऐसे में राणे के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने और सख़्त फ़ैसला लेने की बात तय हुई।
इसी बीच, अनिल परब ने नासिक के शिव सेना के बड़े लोकल नेता से फोन पर बात की और नारायण राणे के ख़िलाफ़ फौरन नासिक साइबर सेल में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज कराने के लिए कहा।
शिव सेना के इस नेता ने नासिक पुलिस की साइबर सेल में राणे के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करा दिया। इसी बीच अनिल परब ने नासिक के पुलिस कमिश्नर दीपक पांडे से फोन पर बात कर राणे के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने के आदेश दिए।
दीपक पांडे ने फौरन ही नासिक पुलिस के एक डीसीपी को नारायण राणे की तत्काल गिरफ़्तारी करने के आदेश दिए। दीपक पांडे ने लिखित आदेश में डीसीपी से कहा कि वह जल्द से जल्द नारायण राणे की गिरफ़्तारी करें और उन्हें कोर्ट में हाजिर करें।
पुलिस के संपर्क में थे परब
सत्य हिंदी को महाराष्ट्र पुलिस के बड़े सूत्रों के हवाले से ख़बर मिली है कि अनिल परब नारायण राणे की गिरफ़्तारी के लिए लगातार नासिक पुलिस कमिश्नर के संपर्क में थे। इसका असर ऐसा हुआ कि राणे के ख़िलाफ़ फौरन ही एफ़आईआर दर्ज कर ली गई और उनके गिरफ़्तारी के आदेश भी जारी कर दिए गए।
अनिल परब इस केस से जुड़ी हुई सभी जानकारी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के साथ भी साझा कर रहे थे।
मंगलवार दोपहर तक अनिल परब रत्नागिरी के उसी इलाके में पहुंच गए जहां से कुछ दूरी पर ही नारायण राणे की जन आशीर्वाद यात्रा निकल रही थी। सूत्रों से सत्य हिंदी को पता लगा है कि जिस डीसीपी को गिरफ़्तारी का जिम्मा सौंपा गया था अनिल परब लगातार उस अधिकारी के संपर्क में भी थे।
इसी बीच, अनिल परब ने मंगलवार दोपहर बाद रत्नागिरी में पत्रकारों से मिलने का कार्यक्रम बनाया। पत्रकारों से बातचीत अभी शुरू ही होने वाली थी तभी अनिल परब के मोबाइल पर शिव सेना के एक बड़े नेता का फोन आया। उस नेता ने नारायण राणे की गिरफ़्तारी को लेकर अनिल परब से सवाल-जवाब किए।
अनिल परब फोन पर सिर्फ इतना ही कहते हुए दिखाई दिए कि वह अभी महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर इस बात का पता लगाएंगे कि राणे की गिरफ़्तारी में देरी क्यों हो रही है।
गिरफ़्तारी के दिए निर्देश
इसके फौरन बाद अनिल परब ने अपने मोबाइल से महाराष्ट्र पुलिस के एक बड़े अधिकारी को फोन लगाया और पूछा कि आखिर राणे की गिरफ़्तारी में देरी क्यों की जा रही है। जो वीडियो इस समय सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है उसमें अनिल परब यह कहते भी दिखाई पड़ रहे हैं कि अगर राणे के लोग अरेस्ट वारंट दिखाने की मांग कर रहे हैं तो कानून का हवाला देकर राणे को फौरन गिरफ़्तार करें और तुरंत महाड़ के लिए निकलें।
वीडियो के वायरल होने के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार महाराष्ट्र पुलिस को कौन चला रहा है। वैसे तो महाराष्ट्र में गृह विभाग एनसीपी के पास है लेकिन बीजेपी के नेता सवाल यही उठा रहे हैं कि नासिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को अनिल परब आखिरकार किसके कहने पर आदेश दे रहे थे।
क़ानूनी कार्रवाई करेंगे राणे
उधर, नारायण राणे ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिव सेना के मंत्री अनिल परब पर निशाना साधते हुए कहा कि अनिल परब को क्या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उनकी गिरफ़्तारी करने के लिए लगाया था। साथ ही राणे ने अनिल परब पर क़ानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही है। राणे की गिरफ़्तारी से एक बात तो साफ हो गई है कि शिव सेना अब राणे परिवार को बख़्शने के मूड में कतई भी नहीं दिख रही है।