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20 साल में पहले केंद्रीय मंत्री हैं राणे, जिन्हें गिरफ़्तार किया गया

20 साल में पहले केंद्रीय मंत्री हैं राणे, जिन्हें गिरफ़्तार किया गया

नारायण राणे के ख़िलाफ़ शिवसैनिकों ने पुणे और महाड में भी मामले दर्ज कराए गए हैं। मंगलवार को ही रत्नागिरी कोर्ट ने राणे की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है। 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बयान देने वाले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ़्तार कर लिया था। आखिरकार मंगलवार देर रात उन्हें जमानत मिल गई। पुलिस ने उन्हें चिप्लूण इलाक़े से हिरासत में ले लिया था। 

राणे बीते 20 साल में पहले ऐसे केंद्रीय मंत्री हैं, जिनकी गिरफ़्तारी हुई है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी उनकी याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। याचिका में राणे के ख़िलाफ़ दर्ज तीन एफ़आईआर को रद्द करने की मांग की गई थी। 

राणे के वकील ने अदालत को बताया कि पुलिस उनके मुवक्किल को गिरफ़्तार करने पहुंच चुकी है और दरवाज़े पर इंतजार कर रही है। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि वे कृपया तय प्रक्रिया का पालन करें। 

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‘कोई अपराध नहीं किया’

राणे ने अपने बयान का बचाव किया और कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। उन्होंने मीडिया को चेताते हुए कहा कि आपको पहले जांच कर लेनी चाहिए और फिर इसे टीवी पर दिखाना चाहिए वरना मैं आपके ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर दूंगा। उन्होंने कहा कि मीडिया ऐसा सोचता है कि वे कोई साधारण आदमी हैं। 

‘कैबिनेट से हटाने की मांग’

इधर, शिव सेना सांसद विनायक राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि वह नारायण राणे को अपनी कैबिनेट से हटाएं। राउत ने कहा है कि बीजेपी नेतृत्व को प्रभावित करने के लिए राणे शिव सेना और इसके नेताओं पर हमले कर रहे हैं। 

दूसरी ओर, शिवसेना की शिकायत पर नासिक साइबर सेल ने नारायण राणे के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। राणे के ख़िलाफ़ शिवसैनिकों ने पुणे और महाड में भी मामले दर्ज कराए गए हैं। 

दरअसल नारायण राणे ने अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपशब्द कहे थे जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ यह कार्रवाई की गई है। अभी तक राणे के ख़िलाफ़ कुल तीन मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

क्या है मामला?

मामला सोमवार का है। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे महाराष्ट्र में अपनी जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। नारायण राणे का काफिला सोमवार को जब महाराष्ट्र के रायगढ़ पहुँचा तो राणे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राणे पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे तभी किसी ने राणे से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर एक सवाल पूछ लिया। उसके बाद राणे की जुबान फिसल गई और उन्होंने कहा कि ‘जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे 15 अगस्त के दिन भाषण दे रहे थे तो वह यह बात भूल गए कि देश को आज़ादी मिले कितने साल हुए हैं। उनको आज़ादी का साल पूछने के लिए अपने सहयोगियों का सहारा लेना पड़ा था।’ राणे ने कहा कि अगर वह वहाँ मौक़े पर मौजूद रहते तो उद्धव ठाकरे के कान के नीचे एक थप्पड़ लगा देते।

राणे के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली मच गई। शिवसेना ने राणे के इस बयान पर ऐतराज़ जताते हुए फौरन ही नासिक साइबर सेल में उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करवाई। एफ़आईआर दर्ज होने के बाद नासिक क्राइम ब्रांच को आदेश दिया गया कि फौरन ही नारायण राणे की इस मामले में गिरफ्तारी की जाए।

नारायण राणे के इसी बयान को लेकर शिवसेना का बयान सामने आया है। शिवसेना प्रवक्ता आनंद दुबे ने राणे पर हमला करते हुए कहा कि मंत्री बनने के बाद नारायण राणे का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। यात्रा से पहले राणे को अपना इलाज कराना चाहिए था। इसके बाद शिवसेना ने नारायण राणे के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराने का फ़ैसला किया। मामला दर्ज होने के बाद नासिक क्राइम ब्रांच को नारायण राणे को गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने पर  मुंबई में शिवसेना आक्रामक हो गयी है। युवा सेना के पदाधिकारियों ने नारायण राणे के ख़िलाफ़ दादर में एक पोस्टर लगाया है जिसमें उन्होंने राणे को मुर्गी चोर बताया है। नासिक के अलावा पुणे और महाड में भी राणे के ख़िलाफ़ दर्ज मामलों के बाद महाराष्ट्र की सियासत में गर्माहट आ गई है। शिवसेना के प्रवक्ता आंनद दुबे ने राणे पर हमला बोलते हुए कहा है कि राणे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद का अपमान किया है इसलिए पुलिस को उन्हें जल्द गिरफ्तार करना चाहिए।

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शिवसेना के कार्यकर्ता ने ये पोस्टर लगाया।

नारायण राणे के ख़िलाफ़ मामला दर्ज होने और उनकी गिरफ्तारी के आदेश के बाद राणे के बेटे और बीजेपी विधायक नितेश राणे ने ट्वीट किया है कि ‘युवा सेना के सदस्यों को हमारे जुहू स्थित घर के बाहर इकट्ठा होने के लिए कहा गया है। मुंबई पुलिस या तो उन्हें वहाँ आने से रोके, नहीं तो जो कुछ भी होगा उसकी ज़िम्मेदारी हमारी नहीं होगी। शेरों की मांद में जाने की हिम्मत मत करो। हम इंतज़ार कर रहे होंगे।’

दरअसल जब से नारायण राणे की जनआशीर्वाद यात्रा शुरू हुई है, तब से शिवसेना राणे पर हमलावर है। इससे पहले मुंबई पुलिस ने जन आशीर्वाद निकाल रहे कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ क़रीब 36 मामले दर्ज किए थे। राणे की जन आशीर्वाद यात्रा अब उनके उनके गढ़ कोकण में पहुँच चुकी है जहाँ वह लोगों से संवाद कर रहे हैं।

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