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एनसीपी नहीं सुधरी तो सरकार से समर्थन वापसी पर विचार: पटोले

एनसीपी नहीं सुधरी तो सरकार से समर्थन वापसी पर विचार: पटोले

महा विकास आघाडी सरकार में शामिल कांग्रेस और एनसीपी के बीच विवाद बढ़ता दिख रहा है। क्या इससे उद्धव सरकार की स्थिरता पर असर पड़ेगा?

महाराष्ट्र की सियासत में हर रोज नए उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। एक ओर जहां हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर का विवाद थमा नहीं था वहीं अब महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार में शामिल कांग्रेस ने एनसीपी पर निशाना साधा है। एनसीपी भी सरकार में शामिल है। 

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने एक बार फिर से एनसीपी की शिकायत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से की है। नाना पटोले ने कहा है कि महाराष्ट्र में एनसीपी कांग्रेस को कमजोर करने का काम कर रही है और अगर ऐसा होना जारी रहा तो फिर कांग्रेस महाराष्ट्र की सरकार से समर्थन वापस लेने पर विचार कर सकती है।

लगता है महाराष्ट्र सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। यही कारण है कि अब महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने एनसीपी पर एक बार फिर निशाना साधा है। नाना पटोले का कहना है कि भिवंडी में कांग्रेस के 17 नगरसेवकों को एनसीपी ने तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल कर लिया था। उसके बाद अमरावती के चुनाव में भी एनसीपी ने कांग्रेस की पीठ में खंजर घोंपा था। 

सोनिया, राहुल से की शिकायत

पटोले ने कहा कि पिछले 2 साल से एनसीपी महाराष्ट्र में कांग्रेस को कमजोर करने का काम कर रही है और जहां भी चुनाव होते हैं वहां पर कांग्रेस का विरोध किया जाता है और उन्होंने ये तमाम बातें सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बताई हैं। 

 - Satya Hindi

पटोले का कहना है कि अगर एनसीपी नहीं सुधरी तो फिर महाराष्ट्र सरकार से समर्थन वापस लेने पर भी कांग्रेस विचार कर सकती है। 

नाना पटोले ने बातचीत में सत्य हिंदी को बताया कि जब महाराष्ट्र सरकार का गठन हुआ था तो तीनों पार्टियों ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चलने की बात कही थी, लेकिन एनसीपी और शिवसेना की तरफ से अब कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर कोई बात नहीं होती है। जिसका नतीजा है कि एनसीपी महाराष्ट्र में कांग्रेस को कमजोर करने का काम कर रही है। 

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इससे पहले भी कांग्रेस और एनसीपी में मनमुटाव देखने को मिला था। जब पटोले ने एनसीपी पर पीठ में खंजर घोंपने का आरोप लगाया था। तब महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने पटोले पर निशाना साधते हुए कहा था कि नाना पटोले को बोलने से पहले अपना अतीत देखना चाहिए। नाना पटोले ने कहा कि उन्होंने अपनी बात कांग्रेस आलाकमान को बता दी है और इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।  

संगठन में होंगे बदलाव

नाना पटोले का कहना है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र कांग्रेस में भी संगठन स्तर पर बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी पार्टी के अंदर चुनावी प्रक्रिया पूरी की जानी है। राजस्थान के उदयपुर में चल रहे तीन दिवसीय चिंतन शिविर में शामिल होकर पटोले महाराष्ट्र लौटे हैं। पटोले ने कांग्रेस के उन कार्यकर्ताओं को भी चेताया है जिन्होंने या तो संगठन का काम करना बंद कर दिया है या फिर सक्रिय नहीं हैं।

एनसीपी ने दिया जवाब 

उधर, नाना पटोले द्वारा लगाए गए आरोपों पर महाराष्ट्र एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे का कहना है कि पटोले की ये निजी शिकायत हो सकती है। क्योंकि इस तरह की बात न तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने की है और न ही राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात या किसी अन्य नेता ने। उन्होंने कहा कि हर सप्ताह महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट मीटिंग होती है। जिसमें सभी दलों से बातचीत करके सामूहिक निर्णय लिए जाते हैं। इसलिए यह कहना गलत है कि यह सरकार कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर काम नहीं कर रही है। 

कांग्रेस के नगरसेवकों को एनसीपी में तोड़कर शामिल करने के सवाल पर महेश तपासे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को चिंतन करना चाहिए कि आखिर उनके नगरसेवक उनको छोड़कर क्यों जा रहे हैं?

तपासे ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं की असक्रियता के चलते यह सभी नगरसेवक पहले बीजेपी में जाने वाले थे लेकिन एनसीपी ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर लिया।

नाना पटोले पर चुटकी लेते हुए तपासे ने कहा कि महाविकास आघाडी से अलग होने का निर्णय नाना पटोले नहीं ले सकते। यह फैसला शरद पवार, सोनिया गांधी और उद्धव ठाकरे ही कर सकते हैं।

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