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नाना पटोले ने किया IPS रश्मि शुक्ला पर 500 करोड़ का मानहानि मुक़दमा

नाना पटोले ने किया IPS रश्मि शुक्ला पर 500 करोड़ का मानहानि मुक़दमा

महाराष्ट्र के चर्चित फोन टैपिंग मामले में आईपीएस रश्मि शुक्ला की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। जानिए, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष ने क्यों 500 करोड़ का मानहानि का मुक़दमा ठोका है।

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने महाराष्ट्र की पूर्व इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला के ख़िलाफ़ नागपुर ज़िला सत्र न्यायालय में अवैध रूप से फोन टैप करने के आरोप में 500 करोड़ रुपए का मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया है। पटोले का कहना है कि यह याचिका आम लोगों के निजी जीवन में दखल देने और ब्लैकमेल करने की प्रथा को रोकने के मक़सद से दायर की गयी है। इसके साथ ही पटोले ने यह भी कहा कि यह पता लगाना ज़रूरी है कि रश्मि शुक्ला के कार्यकाल में फोन टैपिंग की साज़िश के पीछे कौन था। इस मामले की जांच पहले ही मुंबई पुलिस कर रही है और रश्मि शुक्ला से दो बार पूछताछ भी की जा चुकी है।

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र में बड़े पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं के फोन टेप किए गए थे। पटोले ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र के एक बड़े नेता के इशारे पर इस फोन टैपिंग को अंजाम दिया गया था। 

नाना पटोले ने आगे कहा कि जब रश्मि शुक्ला पुणे पुलिस कमिश्नर थीं तो 2016-17 में मेरे समेत कई राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों के फोन अवैध रूप से टैप किए गए थे। उन्होंने कहा कि मेरा फोन अमजद खान नाम से ड्रग्स का कारोबार करने के रूप में टेप किया गया था। 

पटोले ने कहा कि मैंने विधानसभा में यह सवाल उठाया तो उस पर एक जाँच समिति नियुक्त की गई है। इस कमेटी की रिपोर्ट में रश्मि शुक्ला को दोषी पाया गया है और उनके ख़िलाफ़ पुणे में केस भी दर्ज किया गया है। पटोले ने कहा कि ‘हालाँकि पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है, लेकिन इस तरह अवैध रूप से फोन टैप करने की वजह से मेरी व्यक्तिगत और सार्वजनिक छवि को गंभीर रूप से नुक़सान पहुँचा है और इसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती है। इसलिए मैंने क़ानूनी प्रावधानों के दायरे में रश्मि शुक्ला के ख़िलाफ़ 500 करोड़ रुपए का मानहानि का मुक़दमा दायर किया है।’

नाना पटोले ने कहा कि आमतौर पर आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे गंभीर मामलों की जाँच के लिए सरकार की विशेष अनुमति के साथ फोन टैपिंग की जाती है लेकिन इस तरह के मामलों से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। पटोले ने कहा कि अगर कोई भी अधिकारी बगैर किसी सरकारी आदेश के अवैध रूप से किसी के फोन को टैप करता है तो यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन और अपराध के दायरे में आता है। 

पटोले ने आरोप लगाया कि जिस समय मेरा फोन टेप किया गया था उस समय महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार थी और देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। आरोप है कि उनका राजनीतिक कैरियर खत्म करने के लिए बीजेपी की सरकार ने फोन टेप कराया था।

रश्मि शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के अलावा पुलिस के आला अधिकारियों के आदेश के बगैर शिवसेना सांसद संजय राउत, तत्कालीन बीजेपी नेता एकनाथ खडसे और दूसरे अन्य नेताओं के फोन टेप किए थे। रश्मि शुक्ला ने इन नेताओं के फोन उस समय टेप किए थे जब महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी की सरकार बनने जा रही थी। 

मुंबई पुलिस के सूत्रों का कहना है कि रश्मि शुक्ला से मुंबई पुलिस दो बार पूछताछ कर चुकी है जिसमें उनसे वे तमाम सवाल पूछे थे कि जिससे यह पता चल सके कि आखिर रश्मि शुक्ला को नेताओं और पुलिस अधिकारियों के फोन टेप करने की इजाजत किसने दी थी। पुलिस के बड़े अधिकारियों का कहना है कि ज़्यादातर सवालों का जवाब रश्मि शुक्ला ने नहीं दिया है।

इससे पहले रश्मि शुक्ला ने अपने ख़िलाफ़ दर्ज की गई एफ़आईआर को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए रश्मि शुक्ला को 25 मार्च तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही अदालत ने रश्मि शुक्ला को 16 और 23 मार्च को मुंबई पुलिस के सामने हाजिर होने का आदेश दिया था जिसमें पुलिस उनसे पूछताछ कर चुकी है।

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