+
अंधेरी ईस्ट उपचुनाव के नामांकन में दोनों दलों का शक्ति प्रदर्शन

अंधेरी ईस्ट उपचुनाव के नामांकन में दोनों दलों का शक्ति प्रदर्शन

अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव आख़िर उद्धव ठाकरे खेमे और शिंदे गुट-बीजेपी के लिए इतना अहम क्यों हो गया है? जानिए दोनों दलों के शक्ति प्रदर्शन के मायने।

अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव को लेकर उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट-बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं। बीएमसी ने ऋतुजा लटके का शुक्रवार को इस्तीफा स्वीकार कर लिया जिसके बाद ऋतुजा लटके ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी से नामांकन दाखिल कर दिया। वहीं दूसरी ओर बीजेपी शिंदे ग्रुप की तरफ से मुर्जी पटेल ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए नामांकन दाखिल किया। मुर्जी पटेल के नामांकन के दौरान मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार के अलावा महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और एकनाथ शिंदे गुट के मंत्री दीपक केसरकर भी मौजूद थे। ऐसा माना जा रहा है कि अंधेरी का उपचुनाव बीजेपी शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट की अहम की लड़ाई हो गया है। 

महाराष्ट्र में जब से शिंदे-फडणवीस सरकार आई है तभी से उद्धव ठाकरे गुट के साथ सनातनी बनी हुई है। अंधेरी विधानसभा उपचुनाव को लेकर एक बार फिर सरकार और उद्धव ठाकरे आमने-सामने आ गए। शिंदे सरकार ने जहाँ पहले शिवसेना की शिवाजी पार्क की दशहरा रैली को लेकर राजनीति की थी उसके बाद अब अंधेरी विधानसभा उपचुनाव में भी वही राजनीति एक बार फिर देखने को मिली। अंधेरी विधानसभा से शिवसेना के उम्मीदवार रमेश लटके ने चुनाव जीता था लेकिन उनकी मौत के बाद अब उपचुनाव हो रहा है।

रमेश लटके की मौत के बाद अब ठाकरे गुट ने उनकी पत्नी ऋतुजा लटके को टिकट दिया है लेकिन शिंदे सरकार ने राजनीति करते हुए ऋतुजा लटके का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। ऋतुजा लटके बीएमसी में कर्मचारी थीं और इसके लिए उन्होंने अपना इस्तीफा बीएमसी को दिया था लेकिन बीएमसी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था। इसके बाद ऋतुजा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जहां हाईकोर्ट ने बीएमसी को खरी-खोटी सुनाते हुए शुक्रवार सुबह 11 बजे तक लटके का इस्तीफा स्वीकार करने का आदेश दिया था। हालाँकि, बीएमसी ने ऋतुजा लटके का इस्तीफा गुरुवार को ही स्वीकार कर लिया था।

मुर्जी पटेल और ऋतुजा लटके ने अपने नामांकन पत्र भरने के दौरान शक्ति प्रदर्शन किया। मुर्जी पटेल के समर्थन में बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ-साथ शिंदे गुट के एक मंत्री दीपक केसरकर भी मौजूद थे। वहीं ऋतुजा लटके का नामांकन भरवाने के लिए खुद आदित्य ठाकरे पहुंचे थे।

जबकि शिवसेना के कई सांसद भी इस मौके पर मौजूद रहे। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी शिंदे गुट और ठाकरे गुट इस चुनाव को बीएमसी चुनाव का ट्रेलर मान रहा है। यही कारण है कि दोनों पक्षों ने तेजी से चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।

बीजेपी विधायक नितेश राणे भी मुर्जी पटेल का नामांकन भरवाने के लिए अंधेरी चुनाव आयोग के ऑफिस में पहुंचे थे। नितेश राणे का कहना है कि बीजेपी किसी भी चुनाव को हल्के तरीक़े से नहीं लेती है। यही कारण है कि उन्होंने इस चुनाव को भी उसी जोश के साथ लड़ने का फ़ैसला किया है जैसा उन्होंने 2019 का चुनाव लड़ा था। राणे का कहना है कि मुर्जी पटेल बीजेपी के एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने निर्दलीय चुनाव के दौरान भी लगभग 40,000 से ज़्यादा वोट हासिल किए थे। यही कारण है कि बीजेपी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। राणे का कहना है कि जीत बीजेपी के उम्मीदवार की ही होगी।

उधर उद्धव ठाकरे गुट के विधायक रविंद्र वाईकर का कहना है कि अंधेरी की सीट परंपरागत शिवसेना की सीट रही है, ऐसे में उद्धव ठाकरे गुट की प्रत्याशी ऋतुजा लटके की ही जीत होगी। वायकर का कहना है कि वैसे भी यह चुनाव महा विकास आघाडी की तीनों पार्टियां- कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना एक साथ मिलकर लड़ रही हैं। इसलिए बीजेपी के उम्मीदवार की ही हार होने वाली है। अब देखना यही होगा कि दोनों पार्टियों में से आख़िरकार किस पार्टी के उम्मीदवार को जीत हासिल होती है।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें