बिहार के मुंगेर में हुए बवाल को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के दौरान फ़ायरिंग हुई थी और पुलिस ने दुर्गा पंडाल बनाने वाले लोगों पर लाठीचार्ज किया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसे लेकर राज्य की राजनीति बेहद गर्म थी और आयोग पर कार्रवाई करने का दबाव था।
अब गुरूवार को आयोग ने डीएम और एसपी को हटा दिया है। आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने क़ानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए मुंगेर में दुर्गा विसर्जन के दौरान हुए लाठीचार्ज को लेकर पुलिस की तुलना जनरल डायर से की थी।
तेजस्वी ने कहा था कि इसमें डबल इंजन सरकार की भूमिका रही है और पुलिस को जनरल डायर बनने की अनुमति किसने दी। तेजस्वी ने इस वारदात की उच्चस्तरीय जांच हाई कोर्ट की निगरानी में कराने और दोषियों को सख़्त सज़ा देने की मांग की थी।
उन्होंने कहा, 'खासतौर पर वहां के जो डीएम और एसपी हैं, उनको तुरंत वहां से हटाना चाहिए। आपको पता होगा कि वहां पुलिस महकमे की ज़िम्मेदार अफ़सर जेडीयू नेता की बेटी हैं। मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं। लेकिन ये 'जनरल डायर' बनने का आदेश कहीं न कहीं से ज़रूर गया है।
पुलिस का कहना है कि सोमवार की शाम मुंगेर के दीनदयाल उपाध्याय चौक पर दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान असामाजिक तत्वों ने पथराव किया, उसके बाद पुलिस ने गोलियां चलाईं।