मुंबई पुलिस ने अनुराग कश्यप को बुलाया, कहा, बलात्कार आरोप की जाँच से जुड़ें
राजनीतिक मुद्दों पर कई बार मुखर रह चुके और अब बलात्कार का आरोप झेल रहे फ़िल्म निर्माता अनुराग कश्यप की मुश्किलें वाकई बढ़ रही हैं। मुंबई पुलिस ने उन्हें तलब किया और शुक्रवार को वरसोवा पुलिस स्टेशन पर जाँच में सहयोग देने के लिए बुलाया है।
फ़िल्म अभिनेत्री पायल घोष ने उन पर बलात्कार का आरोप बीते हफ़्ते लगाया था। कश्यप ने इसे सिरे से खारिज करते हुए बेबुनियाद बताया था।
पुलिस ने यह 'समन' बुधवार को जारी किया है। इसके एक दिन पहले यानी मंगलवार को ही पायल घोष ने महाराष्ट्र के सांसद और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के साथ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात की थी। पायल ने कश्यप की गिरफ़्तारी और अपने लिए 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा की मांग की थी।
पायल घोष को न्याय दिलाने के लिए सामने आये केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी राज्यपाल से उन्हें न्याय दिलाने की माँग की। इसके साथ ही एक न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू देते हुए रामदास अठावले ने फ़िल्म इंडस्ट्री को ‘काली’ इंडस्ट्री बताते हुए कहा था। उन्होंने आगे कहा था, ‘अनुराग कश्यप अब तक मीडिया के सामने क्यों नही आए। अगर वे गलत नहीं होते तो अपना पक्ष मीडिया के सामने आकर ज़रूर रखते या तो अपने वकील के माध्य्म से रखते, लेकिन कुछ गलत उन्होंने ज़रूर किया है इसलिए वो सामने नहीं आ रहे हैं।'
अनुराग कश्यप ने क्या कहा
अपने ऊपर लगे आरोपों पर निर्माता अनुराग कश्यप ने अपनी वकील के बयान को सोशल मीडिया पर साझा किया था। जिसमें कहा गया था कि 'अनुराग अपने ऊपर लगे यौन दुराचार के झूठे आरोपों से काफ़ी व्यथित हैं। यह आरोप पूरी तरह झूठे, बेबुनियाद और ग़लत इरादे से लगाये गये हैं। यह दुखद है कि ‘मी टू’ जैसे अहम अभियान को दूसरों के चरित्र हनन का उपकरण बना दिया गया है। इस तरह के काल्पनिक आरोप निश्चित तौर पर इसकी अहमियत को कम कर देंगे।'इसके अलावा अनुराग कश्यप ने ट्वीट कर कहा था, ‘इतना समय ले लिया मुझे चुप करवाने की कोशिश में। चलो कोई नहीं। मुझे चुप कराते-कराते इतना झूठ बोल गए की औरत होते हुए दूसरी औरतों को भी संग घसीट लिया।'