मुंबई के समंदर में हुई कॉर्डेलिया क्रूज रेव पार्टी को लेकर एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक लगातार एनसीबी और बीजेपी पर हमलावर हैं। मलिक ने शनिवार को आरोप लगाया है कि इस मामले में पकड़े गए एक शख़्स को एनसीबी ने इसलिए छोड़ दिया है क्योंकि वह बीजेपी नेता का रिश्तेदार है।
मलिक ने दावा किया कि एनसीबी ने ऋषभ सचदेव को इस मामले में हिरासत में लिया था। उन्होंने कहा कि ऋषभ सचदेव बीजेपी नेता मोहित कांभोज (भारतीय) का साला है। लेकिन उसे थोड़ी ही देर बाद रिहा कर दिया गया। मोहित कांभोज मुंबई बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं।
एनसीपी नेता मलिक ने कहा कि ऋषभ सचदेव के अलावा दो और लोगों प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला को भी छोड़ दिया गया।
मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कहा कि एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े का बयान इस बारे में स्पष्ट नहीं था कि कुल कितने लोगों को हिरासत में लिया गया है।
मलिक ने कहा, “वानखड़े ने कहा था कि 8-10 लोगों को हिरासत में लिया गया है। जबकि स्थानीय पुलिस के मुताबिक़ 11 लोगों को हिरासत में लिया गया था लेकिन सुबह होते-होते यह संख्या घटकर 8 रह गई। तीन लोगों को छोड़ दिया गया।”
मलिक ने इसका वीडियो सबूत भी ट्विटर पर जारी किया है, जिसमें ऋषभ सचदेव, प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला को एनसीबी के दफ़्तर के अंदर ले जाया जा रहा है। इसके अलावा दो और वीडियो में यही तीनों लोग एनसीबी के दफ़्तर से बाहर निकलते दिख रहे हैं।
बीजेपी नेता कर रहे फ़ोन
मलिक ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र और दिल्ली से बीजेपी के नेता इन तीनों को रिहा करने के लिए फ़ोन कर रहे थे। उन्होंने समीर वानखेड़े से सवाल पूछा है कि वह इस बात का जवाब दें कि इन लोगों को क्यों जाने दिया गया और इन्हें छोड़ने से पहले क्या पूछताछ की गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि कार्डेलिया क्रूज पर की गई छापेमारी कुछ निश्चित लोगों को फंसाने की योजना बनाकर की गई थी। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह फर्जी थी और आर्यन ख़ान से कुछ भी नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला आर्यन को वहां फंसाने के लिए लाए थे और आर्यन वहां इन दोनों के बुलाने पर ही गया था।
कैबिनेट मंत्री मलिक ने इससे पहले भी आरोप लगाया था कि आर्यन और अरबाज़ मर्चेंट को गिरफ़्तारी के बाद एनसीबी दफ़्तर ले जाते वक्त जिन लोगों की तसवीर वायरल हुई थी, वे बीजेपी के कार्यकर्ता केपी गोसावी और मनीष भानुशाली हैं।
मलिक ने मांग की थी कि एनसीबी को खुलासा करना चाहिए कि गोसावी और भानुशाली से इस एजेंसी के क्या संबंध हैं।