मुंबई क्राइम ब्रांच ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से गुरुवार को करीब 7 घंटे तक पूछताछ की। सूत्रों का कहना है कि डीसीपी नीलोत्पल और उनकी टीम ने गोरेगांव में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में परमबीर सिंह से पूछताछ की है। पिछले करीब छह महीने से फरार चल रहे परमबीर सिंह गुरुवार को मुंबई पहुंचे थे। परमबीर से क्राइम ब्रांच की यूनिट 11 में पूछताछ हुई।
परमबीर सिंह ने बुधवार को कहा था कि वे चंडीगढ़ में हैं और मुंबई पुलिस के सामने पेश हो कर जांच में मदद करेंगे।
जांच में करेंगे सहयोग
परमबीर से गोरेगांव में दर्ज जबरन उगाही के मामले में पूछताछ की गयी। पूछताछ के बाद परमबीर ने जांच पूरा सहयोग करने की बात कही। पूर्व कमिश्नर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उन्होंने मुंबई पुलिस की जांच में सहयोग किया है और आगे भी करते रहेंगे। परमबीर ने कहा कि उनका अदालत के ऊपर पूरा विश्वास है।
फंसाने का आरोप
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। अदालत ने इसके साथ ही परमबीर को जांच में शामिल होने का भी आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट में परमबीर के वकील ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह के ऊपर जितने भी मामले दर्ज किए थे वो सभी राजनीति से प्रेरित थे। उनके वकील ने कहा था कि परमबीर सिंह को पूरे मामले में फंसाया जा रहा है।
परमबीर के वकील ने अदालत को बताया था कि जिन लोगों के ख़िलाफ़ परमबीर सिंह ने पुलिस कमिश्नर रहते हुए कार्रवाई की थी, ज्यादातर मामलों में उन्हीं लोगों को शिकायतकर्ता बनाया गया है।
5 मामले हैं दर्ज
इससे पहले ठाणे की एक अदालत ने परमबीर सिंह को जबरन उगाही के एक मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया था। महाराष्ट्र सीआईडी और ठाणे पुलिस ने इस पुलिस अफ़सर के ख़िलाफ़ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था।
महाराष्ट्र सरकार परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की तैयारी में ही थी कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पुलिस के सामने पेश होने का आदेश दे दिया। उनके ख़िलाफ़ अभी तक कुल 5 मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच और एक मामले की जांच ठाणे पुलिस कर रही है। जबकि तीन अन्य मामलों की जांच सीआईडी कर रही है।
लापता थे पुलिस अफ़सर
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पिछले करीब छह महीने से लापता थे। परमबीर को महाराष्ट्र सरकार ने उस समय पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया था जब बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर एसयूवी से जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद हुई थीं और उसके बाद एसयूवी मालिक मनसुख हिरेन की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी। जिसमें सचिन वाज़े का हाथ पाया गया था।
उसके बाद परमबीर सिंह को होम गार्ड्स का डीजी बना दिया था और कुछ दिन बाद ही परमबीर लापता हो गए थे।
देशमुख पर लगाया था आरोप
ट्रांसफर के कुछ दिन बाद ही परमबीर सिंह ने तत्कालीन गृह मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी नेता अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाकर हंगामा मचा दिया था। परमबीर ने देशमुख के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। अनिल देशमुख को कुछ दिनों पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था। देशमुख अभी न्यायिक हिरासत में हैं।