मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को ईडी ने किया गिरफ्तार

11:41 am Nov 05, 2022 | सत्य ब्यूरो

जांच एजेंसी ईडी ने बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले जांच एजेंसी ने अब्बास अंसारी से कई घंटों तक पूछताछ की। अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हुई है। 

अब्बास अंसारी इस साल विधानसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर मऊ विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। 

ईडी ने अब्बास अंसारी को शुक्रवार दोपहर को उनके पिता के खिलाफ जुलाई 2021 में दर्ज हुए मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। ईडी ने इस मामले में मुख्तार अंसारी के कई रिश्तेदारों और सहयोगियों से भी पूछताछ की थी। मुख्तार अंसारी वर्तमान में उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद हैं। 

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। मुख्तार अंसारी के खिलाफ 50 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनके खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास के कई मामलों में जांच चल रही है। 

ईडी ने 11 अक्टूबर को अब्बास अंसारी और मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। ईडी मुख्तार अंसारी की चल और अचल संपत्तियों की जांच कर रही है। मुख्तार अंसारी पर आरोप है कि उन्होंने अवैध तरीके से काफी धन इकट्ठा किया है। ईडी ने इस मामले में मुख्तार अंसारी के गाजीपुर, लखनऊ और दिल्ली के 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी और पैसों के लेनदेन से जुड़े कुछ सुबूत इकट्ठा किए थे। 

ईडी ने मुख्तार अंसारी के सांसद भाई अफजाल अंसारी और बहनोई आतिफ को भी नोटिस जारी किया था। ईडी ने पिछले महीने मुख्तार अंसारी की 1.48 करोड़ की अचल संपत्ति को जब्त कर लिया था। 

अगस्त में गाजीपुर के जिला प्रशासन ने मुख्तार अंसारी के दो प्लॉट को जब्त कर लिया था। उससे पहले उनके भाई अफजाल अंसारी की करोड़ों की संपत्तियों को पुलिस ने कुर्क कर दिया था। 

मायावती ने इस बार विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी को टिकट नहीं दिया था। अंसारी की पहली चुनावी जीत 1996 के चुनावों में मऊ से बसपा उम्मीदवार के रूप में हुई थी। तब से लेकर अब तक उन्होंने कई चुनाव जीते हैं। यहां तक ​​कि वह जेल से भी चुनाव जीत चुके हैं। 2017 में योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद मुख्तार अंसारी के नेटवर्क के ख़िलाफ़ कार्रवाई तेज की गई। उनके कई साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और कुछ पुलिस मुठभेड़ में मारे गए।