आईपीएल 2020 के दौरान अगर किसी एक युवा गेंदबाज़ ने सबसे ज़्यादा अपने खेल से हर किसी को चौंकाया तो वह थे सनराइजर्स हैदराबाद के टी नटराजन। 16 मैचों में 16 विकेट झटकने वाले नटराजन का इकॉनमी रेट 8 के करीब रहा और वह टूर्नामेंट के टॉप 10 गेंदबाज़ों में शामिल थे।
संदीप शर्मा और दीपक चाहर ने मोहम्मद सिराज से भले ही ज़्यादा विकेट लिए, लेकिन अपनी रफ़्तार और विविधता से रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के सिराज को काफी वाहवाही मिली।
शिवम मावी और ख़लील अहमद जैसे युवा गेंदबाज़ों ने नवदीप सैनी से विकेट ज़्यादा हासिल किए, लेकिन सैनी ने आईपीएल के दौरान यादगार स्पेल डाले, ख़ासकर मुश्किल हालात में।
ऑस्ट्रेलियाई किला ध्वस्त!
घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में शानदार खेल दिखाने के अलावा सीनियर गेंदबाज़ों के फिटनेस की समस्या के चलते इन तीनों युवा गेंदबाज़ों को एक साथ टीम इंडिया के लिए ब्रिसबेन टेस्ट में खेलने का मौका मिला जहाँ टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलियाई वर्चस्व की पहचान वाले किले को ध्वस्त कर दिया।
तेज़ गेंदबाज़ों की यह तिकड़ी इत्तेफाक़ से भारत के तीन अलग-अलग राज्यों से आती है, लेकिन इनके संघर्ष और अब तक की कामयाबी की कहानी क़रीब क़रीब एक जैसी ही है। इन तीनों तेज़ गेंदबाज़ों की निजी कहानी किसी भी फ़िल्मी या नाटकीय पटकथा से कम नहीं है।
क्या है समानता?
अगर 26 साल के मुहम्मद सिराज, 28 साल के नवदीप सैनी और 29 साल के टी. नटराजन के करियर में कोई एक सबसे बड़ी समानता है तो यह है टेनिस बॉल क्रिकेट से इनका लगाव। तीनों ही युवा गेंदबाज़ ऐसे परिवारों से आते हैं जिनके लिए क्रिकेट का बल्ला खरीदना ही अपने बच्चों के लिए उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा इनवेस्टमेंट साबित होता। शायद यही वजह है कि इन तीनों ने खर्चीला रास्ता ना अपनाकर यानी कि बल्लेबाज़ ना बनने की सोचकर गेंदबाज़ी को अपना मिशन बनाया।
अगर हैदराबाद के सिराज, करनाल के सैनी ने टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को जल्द ही अपना मुरीद बनाया क्योंकि वो आईपीएल में एक ही टीम से खेलते हैं तो सालेम के नटराजन को भी कोहली ने भविष्य के लिए बड़ी उम्मीद बताया है।
नवदीप सैनी, क्रिकेटरफ़ेसबुक
बदल गई ज़िन्दगी
इन तीनों गेंदबाज़ों को आईपीएल ने अपना हुनर साबित करने के साथ साथ उनके जीवन के कष्ट को दूर करने में भी अहम भूमिका निभायी है। 2017 में जब एक ऑटो चलाने वाले इंसान के बेटे को आईपीएल में सनराईजर्स हैदराबाद की तरफ से जब 2.6 करोड़ का कांट्रैक्ट मिला तो क्रिकेट ने उसी दिन सिराज और उनके परिवार का जीवन आर्थिक तौर पर धन्य कर दिया।
सैनी भी हरियाणा में गाँव-गाँव जाकर कुछ रुपये के लिए टूर्नामेंट खेला करते थे और 2019 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से उन्हें 3 करोड़ का करार मिला। नटराजन के पिता दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे और उनकी माँ सड़क के किनारे चिकन बेचा करती थीं। लेकिन, सिराज और सैनी की ज़िंदगी की ही तरह इस खिलाड़ी की ज़िंदगी भी आईपीएल ने बदल डाली जब किंग्स इलेवन पंजाब ने 2017 में 3 करोड़ खर्च करके टीम में शामिल किया था।
टी नटराजन, क्रिकेटरफ़ेसबुक
कोच बने फ़रिश्ता!
एक और दिलचस्प समानता इन तीनों युवा गेंदबाज़ों के करियर में देखने को यह मिलता है कि तीनों के लिए उनके कोच या मेंटोर ही फ़रिश्ते साबित हुए हैं। अगर नटराजन की प्रतिभा को उनके आदर्श जयप्रकाश नट्टू ने पहचाना और सालेम गाँव से बाहर निकालकर चेन्नई ले आये।
पहली बार तमिलनाडु प्रीमियर लीग में उन्हें मौका दिलवाया। वहीं सैनी को दिल्ली के तेज़ गेंदबाज़ सुनील नरवाल ने उन्हें हरियाणा से बाहर लाकर गौतम गंभीर जैसे गुरु के सामने पेश कर दिया। सिराज को मौजूदा टीम इंडिया के बॉलिंग कोच भरत अरुण ने ज़बरदस्त मदद की जब वह हैदराबाद के रणजी कोच हुआ करते थे।
कामयाबी और मशहूरी के बावजूद नटराजन उन लोगों को बिल्कुल नहीं भूलते हैं जिन्होंने बुरे वक़्त में उनका साथ दिया।
पिछले साल नटराजन की आईपीएल जर्सी पर ‘जे. पी. नट्टू’ सम्मान में लिखा आपको दिखा तो सैनी ये कहते नहीं थकते कि अगर ‘गंभीर भैया’ ना होते तो वो इस मुकाम पर कभी नहीं पहुच पाते। सिराज भी हर इंटरव्यू में भरत अरुण के प्रति अपना आभार व्यक्त करने में कभी नहीं हिचकिचाते हैं।
टर्निंग प्वांइट
इस तिकड़ी के लिए आईपीएल 2020 कई मायनों में एक शानदार टर्निंग प्वांइट साबित हुआ। अगर भुवनेश्वर कुमार और ईशांत शर्मा आईपीएल 2020 के दौरान चोटिल ना हुए होते ना तो सैनी और ना ही सिराज को ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज़ के लिए मौका मिलता।
ठीक उसी तरह अगर उमेश यादव अनफिट होकर एडिलेड टेस्ट के बाद बाहर ना होते तो नटराजन को भी अपना दौरा टेस्ट सीरीज़ तक बढ़ाना का मौका नहीं मिलता। ख़ैर, नटराजन तो दौरे पर गए ही थे एक नेट्स बॉलर बनकर, लेकिन उन्होंने पहले फिर सफेद गेंद से दोनों फॉर्मेट में डेब्यू भी कर लिया।
अलग-अलग सीनियर तेज़ गेंदबाज़ों को फ़िटनेस की समस्या से जूझने के चलते इन तीनों को फ़ायदा तो हुआ ही तीनों ने आईपीएल 2020 के दौरान अपनी रफ़्तार और कौशल से चयनकर्ताओं, कोच और विराट कोहली को प्रभावित किया।
अगर सनराइजर्स हैदराबाद के ए. बी. डिविलियर्स जैसा दिग्गज नटराजन के 18वें ओवर में रन बनाने में जूझते दिखे और बाद में क्लीन बोल्ड हो गए तो वहीं सिराज के लिए भी आईपीएल 2020 कम यादगार नहीं रहा था।
लगातार 2 मेडन तो आईपीएल के इतिहास में कभी भी नहीं डाले गये, जबकि एक से एक महान गेंदबाज इस टूर्नामेंट में शिरकत कर चुके हैं। आईपीएल के साथी खिलाड़ी सैनी ने भी अपनी रफ्तार और निर्णायक समय में लाजवाब गेंदबाज़ी करके हर किसी को अपना मुरीद बनाया।
अगर नये सीज़न में नटराजन को यह साबित करना है कि पिछले साल की कामयाबी तुक्का नहीं थी तो सिराज-सैनी की जोड़ी को यह दिखाना है कि वे कोहली के क्लब के लिए आईपीएल में भी वैसे मैच-विनर की भूमिका निभा सकते हैं जैसा कि वे टीम इंडिया के लिए करते हैं।