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एमपीः थाने में सुंदरकांड का पाठ, दिग्विजय सिंह नहीं लिखा पाये FIR

एमपीः थाने में सुंदरकांड का पाठ, दिग्विजय सिंह नहीं लिखा पाये FIR

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में मोहन यादव सरकार के मंत्री विश्वास सारंग से इस्तीफे की मांग पर अड़ी प्रदेश कांग्रेस को गुरूवार को भोपाल के एक थाने में अजीबो-गरीब स्थिति का सामना करना पड़ा। 

मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफे की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की अगुवाई में कांग्रेसी एफआईआर कराने पहुंचे। लेकिन थाने में एक भाजपा नेता के जन्मदिन के मौके पर सुंदरकांड का पाठ चल रहा था। इस वजह से दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी आदि एफआईआर नहीं लिखवा सके।

मप्र कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे सहित काफी बड़ी संख्या में कांग्रेसजन अशोक गार्डन थाना पहुंचे थे। थाने पहुंचने वाले नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह भी साथ थे। थाना परिसर में प्रवेश को लेकर कांग्रेस नेताओं को जमकर जद्दोजहद करना पड़ी। बैरिकेडिंग कर काफी पहले इन्हें रोका गया। जैसे-तैसे थाने पहुंचे तो बाहर ही इन्हें रोक दिया गया। बताया गया थाने में जन्मदिन मनाया जा रहा है। सुंदरकांड का पाठ हो रहा है।

दिग्विजय सिंह और कांग्रेस नेता यह (भाजपा नेता के जन्मदिन पर थाने में सुंदरकांड का पाठ के आयोजन के बारे में) सुनकर भौंचक रह गए। दिग्विजय सिंह ने पूछा अनुमति ली गई है। बकौल सिंह, ‘टीआई ने कहा, उन्होंने अनुमति दी है। अनुमति के बाद ही सुंदरकांड का पाठ हो रहा है।’ इसके बाद कांग्रेसी थाने पर ही धरना देकर बैठ गए। काफी वक्त तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला। उधर सुंदरकांड का पाठ कर रहे लोगों (भाजपाइयों) ने आयोजन में विघ्न डालने का आरोप लगाते हुए कांग्रेसियों पर एफआईआर करने की मांग की।

तमाम आरोप-प्रत्यारोप, हंगामे, नारेबाजी और ड्रामे के बाद पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी गई। बाद में कांग्रेस नेता बिना एफआईआर लिखाये थाने से लौट आये। प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में एक प्रेस कांफ्रेंस कर दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘वे दस सालों तक मप्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। संवैधानिक व्यवस्थाओं का ऐसा माखौल उन्होंने कभी नहीं देखा जो आज मध्य प्रदेश में हो रहा है।’ दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘सरकारी दफ्तरों और अफसरों को लेकर स्पष्ट नियमावली है। कोर्ड ऑफ कंडक्ट सर्विस रूल है। इस तरह के आयोजन (सुंदरकांड या इस तरह के अन्य आयोजन) की अनुमति का नियमों में प्रावधान नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘आश्चर्यजनक तो यह है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण करने वाले थाने में ऐसा होना ज्यादा विस्मय करने वाला रहा।’ दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘एक एसीपी श्री पांडे ने कहा, हम इस बारे में आपको जवाब देंगे। टीआई भी आये। उन्होंने कहा नरेश यादव नामक शख्स का जन्मदिन मनाने के लिए सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया है।’  दिग्विजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा, ‘हमने तय किया है कि मप्र की पुलिस ने नागरिकों का जन्मदिन थाने में मनाने की कोई नई परिपाटी आरंभ की है तो अब से कांग्रेस भी अपने कार्यकर्ताओं का जन्मदिन, तीज-त्यौहार थाने में मनायेंगे।’

दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘हिन्दू, मुस्लिम, सिख-ईसाई और अन्य समुदाय के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जन्मदिन उनके धर्म के मुताबिक पार्टी अब थानों में मनायेगी। तीज-त्यौहार भी थाने में ही मनाये जायेंगे।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम भोपाल के कमिश्नर पुलिस से शुक्रवार को मिलकर पता करेंगे कि थाने में जन्मदिन मनाने और सुंदरकांड का पाठ कराने की अनुमति किन नियमों एवं कानून के तहत दी गई है।’

जूता फेंककर भी मारा

दिग्विजय सिंह ने बताया थाने में एफआईआर लिखाने की जद्दोजहद के बीच सुंदरकांड पाठ के चलते थाने के भीतर से एक पुराना जूता उछाला गया। यह जूता एक पुलिस वाले को लगा। अशोक गार्डन थाना मोहन यादव सरकार में सहकारिता महकमे के मंत्री विश्वास सारंग के नरेला विधानसभा क्षेत्र में है। कांग्रेस जन इसी थाने में सारंग के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने पहुंचे थे।

मप्र में नर्सिंग घोटाला हुआ है। सीबीआई को इसकी जांच सौंपी गई है। जांच के दौरान सीबीआई खुद ही रिश्वतखोरी के आरोपों में घिर गई है। आरोप है कि अपात्र कॉलेजों को मोटी रकम देकर फिट घोषित किया गया। मुंहमांगी रकम नहीं दे पाने वाले कॉलेजों को अपात्र घोषित किया गया। बीते दो महीनों से यह मामला गर्माया हुआ है।

कांग्रेस का आरोप है कि शिवराज सरकार में विभाग के मंत्री रहते विश्वास सारंग ने पूरे घोटाले को अंजाम दिया। राज्य विधानसभा के हालिया सत्र में भी इस मसले की गूंज हुई थी। आरोप है कि सरकार ने मंत्री को बचा लिया। सत्र को समय से पहले समाप्त कर दिया। सारंग का दावा है कि पूरा का पूरा घोटाला कमल नाथ की सरकार के रहते हुए हुआ था। आरोपी कांग्रेस की तत्कालीन मंत्री हैं।

अब सड़क पर लड़ाई

विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद से कांग्रेस सड़क पर इस लड़ाई को लड़ रही है। अलग-अलग थानों में जाकर कांग्रेस विश्वास सारंग के खिलाफ एफआईआर लिखाने का प्रयास कर रही है। इसे लेकर बीते सप्ताह भर से टकराव हो रहा है। मुख्यमंत्री निवास को घेरने का प्रयास भी विगत दिवस कांग्रेस ने किया था। मुख्यमंत्री निवास जाने का प्रयास करते मप्र कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी और अन्य नेताओं पर हल्का बल प्रयोग तथा वाटर केनन मशीन का उपयोग कर रोक दिया गया था। कुछ कांग्रेसी इस प्रदर्शन में घायल हुए थे। मप्र कांग्रेस के नेता मंगलवार को टीटी नगर थाने में सारंग के खिलाफ एफआईआर लिखाने पहुंचे थे। वहां भाजपाइयों से कांग्रेस का टकराव हुआ था। पुलिस ने एफआईआर नहीं लिखी थी। आवेदन लेकर जांच का भरोसा दिलाया था।

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