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बीजेपी नेता की फेक वीडियो की शिकायत पर कमलनाथ के घर पहुँची पुलिस

बीजेपी नेता की फेक वीडियो की शिकायत पर कमलनाथ के घर पहुँची पुलिस

लोकसभा चुनाव से पहले क्या मध्य प्रदेश में दबाव डालने की राजनीति हो रही है? जानिए, कमलनाथ के घर पुलिस क्यों पहुँची और कमलनाथ ने क्या आरोप लगाया है।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के घर सोमवार को पुलिस पहुँची है। बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार विवेक बंटी साहू की शिकायत के सिलसिले में पुलिस ने पड़ताल शुरू की है। बताया जा रहा है कि कमलनाथ के पीए से पूछताछ के लिए पुलिस पहुंची थी। साहू ने आरोप लगाया गया है कि कमलनाथ के निजी सहायक ने एक फर्जी वीडियो फैलाया जो कथित तौर पर आपत्तिजनक है।

साहू ने पहले विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ा था और वह हार गए थे। साहू ने कमलनाथ के पीए आरके मृगनाली और सचिन गुप्ता नाम के एक शख्स के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने कहा कि गुप्ता से पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन मृगनाली से अभी पूछताछ नहीं की गई है।

साहू ने शिकायत दर्ज करने के बाद सोमवार को संवाददाताओं से कहा, 'मेरे दादाजी से लेकर मेरे भाइयों तक कांग्रेस पार्टी ने हमें निशाना बनाया है। आज उन्होंने एक सुनियोजित साजिश के तहत मेरे परिवार को बदनाम करने की कोशिश की। मैं आपके सामने हाथ जोड़कर विनती करता हूं- जिस तरह नकुलनाथ आपका बेटा है, वैसे ही मैं भी छिंदवाड़ा का बेटा हूं। मैं यह चुनाव अपनी पार्टी की विचारधारा के साथ लड़ रहा हूं और आप भी लड़ सकते हैं। लेकिन छिंदवाड़ा के बेटे को इस तरह बदनाम मत करो।'

बंटी साहू का आरोप है कि कमलनाथ के पीए और एक निजी चैनल के वीडियो जर्नलिस्ट ने अन्य पत्रकारों को मेरा आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने के लिए 20 लाख रुपए का प्रलोभन दिया था। रिपोर्ट के अनुसार विवेक बंटी साहू ने 20 लाख रुपए की बातचीत का एक वीडियो भी जारी किया है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। इसी को लेकर बंटी साहू ने पुलिस में शिकायत दी थी।

कमलनाथ ने अभी तक इन मुद्दों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालाँकि उन्होंने छिंदवाड़ा के एक पूर्व आदिवासी विधायक के घर पर पुलिस की छापेमारी के बारे में दिन में ट्वीट किया था और दावा किया था कि भाजपा कांग्रेस पार्टी पर दबाव बढ़ा रही है।

कमलनाथ ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी लगातार कांग्रेस के नेताओं पर दबाव डाल रही है और जो दबाव में नहीं आता, उसके ऊपर छापेमारी और दूसरी कार्रवाई कर रही है।

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के आदिवासी विधायक श्री नीलेश उइके पर इस तरह का दबाव डाला गया, लेकिन वे इसके आगे नहीं झुके तो उनके ऊपर छापे डाले गए।'

पूर्व सीएम ने कहा है, 'उनके आवास, निर्माणाधीन भवन, खेत-खलिहान और अन्य स्थानों पर जिस तरह से छापेमारी की कार्रवाई की गई और घंटों तक तलाशी के बाद कुछ नहीं मिला, उससे साफ़ है कि भारतीय जनता पार्टी प्रशासन का दुरुपयोग कर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रही है। मैं इस तरह की कार्रवाई की कड़ी निंदा करता हूँ और पार्टी के सभी कार्यकर्ता नीलेश उइके के साथ हैं।'

उन्होंने कहा, 'मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं का आह्वान करता हूँ कि इस तरह के दमन और उत्पीड़न से भयभीत न हों और पूरी तरह एकजुट होकर जनता के सामने जाएं। छिंदवाड़ा की जनता इस तरह के अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। मुझे आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि जीत सत्य की ही होगी।'

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