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मुसलमान डिलीवरी ब्वॉय से खाना नहीं लेने वाले को पुलिस का नोटिस

मुसलमान डिलीवरी ब्वॉय से खाना नहीं लेने वाले को पुलिस का नोटिस

ज़ोमैटो के मुसलमान डिलीवरी ब्वॉय से खाना लेने से इनकार करने वाले अमित शुक्ला को पुलिस ने नोटिस जारी कर दिया है, उसकी निगरानी शुरू कर दी है।

ज़ोमैटो के मुसलमान डिलीवरी ब्वॉय से खाना लेने से इनकार करने वाले शख़्स को पुलिस ने नोटिस दिया है। मध्य प्रदेश पुलिस ने अमित शुक्ला को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने अगले छह महीने में कोई विभाजनकारी टिप्पणी ट्वीट की तो उन्हें जेल की सज़ा हो सकती है। 

एनडीटीवी ने ख़बर दी है कि जबलपुर के पुलिस सुपरिटेंडेंट ने अमित सिंह ने कहा, 'यदि उन्होंने (अमित शुक्ला ने) अगले छह महीने के दौरान ऐसा कोई ट्वीट किया या कोई काम किया जो संविधान के बुनियादी सिद्धांतों के ख़िलाफ़ हो या जिससे शांति भंग होती हो या सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ता हो तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा।' 

मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले पंडित शुक्ला नाम के ग्राहक ने ज़ोमैटो के मुसलिम डिलिवरी बॉय से खाना लेने से इनकार कर दिया। ग्राहक ने बुधवार को ज़ोमैटे से उसके डिलिवरी वॉय को लेकर शिकायत की। ग्राहक ने कहा कि अभी सावन का महीना चल रहा है और वह मुसलिम के हाथ से डिलीवर किया हुआ खाना नहीं खा सकता।

ज़ोमैटो ने दिया करारा जवाब

अमित शुक्ला नाम के इस ग्राहक ने ज़ोमैटो से हुई चैट का स्क्रीनशॉट भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है। वह फैयाज़ नाम के डिलिवरी बॉय को बदलकर किसी दूसरे को भेजने की बात करता है।जिसके बाद ज़ोमैटे ने इस शिकायत का ज़बरदस्त जवाब दिया है। ज़ोमैटो ने लिखा है कि खाने का कोई धर्म नहीं होता, खाना ख़ुद एक धर्म है। इस मामले पर बाद में ज़ोमैटो के फाउंडर दीपेन्द्र गोयल ने भी जवाब दिया है।

जल्द ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया। सोशल मीडिया ही नहीं, मुख्य धारा की मीडिया और आम लोगों के बीच यह बहस होने लगी है कि ऐसा कर अमित शुक्ला ने ग़लत किया या सही। अधिकतर लोगों ने उनकी आलोचना की, लेकिन कुछ लोगों ने यह कह कर उनका बचाव किा कि यह चुनने का अधिकार है, पसंद का मामला है या धाार्मिक मसला है। बहरहाल, अमित शुक्ला पर पुलिस निगरानी रख रही है। 

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