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शिवराज के बेटों के नाम पर पार्क, बीजेपी ने कहा-लोकल लोगों का प्यार है

शिवराज के बेटों के नाम पर पार्क, बीजेपी ने कहा-लोकल लोगों का प्यार है

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के बेटों के नाम पर पार्कों के नाम रख दिए गए हैं। कांग्रेस ने जब इस पर आपत्ति जताई तो भाजपा ने सफाई में कहा कि स्थानीय लोगों का शिवराज के बेटों से इतना प्रेम है कि उन्होंने वो नाम रखे हैं। इस घटना ने गुजरात में पीएम मोदी के नाम पर स्टेडियम का नाम रखे जाने की याद दिला दी है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश के बुधनी में नेहरू पार्क का नाम उनके बड़े बेटे के नाम पर रखा गया है। कांग्रेस ने कहा कि शिवराज के छोटे बेटे के नाम पर एक और पार्क का नाम बदल दिया गया। बुधनी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा क्षेत्र है।

पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता अजय सिंह ने आरोप लगाया, "नेहरू पार्क (जवाहरलाल नेहरू के नाम पर) का नाम शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान के नाम पर रखा गया है, जबकि दूसरे पार्क का नाम छोटे बेटे कुणाल के नाम पर रखा गया है।"

कांग्रेस के दावे पर पलटवार करते हुए, सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि अगर लोकल लोगों ने अपने प्यार के कारण पार्क का नाम बदल दिया है तो कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

 - Satya Hindi

कार्किकेय सिंह (दाएं) सीएम शिवराज सिंह के बेटे हैं।

अजय सिंह ने भाजपा पर स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली महान हस्तियों के नाम मिटाने का आरोप लगाया। अजय ने कहा कि "सार्वजनिक पार्कों, कोनों, सड़कों और इमारतों का नाम समाज और देश में योगदान देने वाली हस्तियों के नाम पर रखने की परंपरा रही है। शिवराज जी बताएं कि कार्तिकेय और कुणाल का क्या योगदान है। देश की आजादी और नए भारत के निर्माण में अहम योगदान देने वाले जवाहरलाल नेहरू के सामने कार्तिकेय कहां खड़े हैं?”

सिंह के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर, मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि देश भर में कई सार्वजनिक स्थानों का नाम एक ही परिवार के सदस्यों के नाम पर रखा गया है। अजय सिंह हर चीज को कांग्रेस के नजरिए से देख रहे हैं। इसलिए उन्हें हर जगह नेहरू, फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी नजर आते हैं और कांग्रेस का मानना ​​है कि हर चीज का नाम उनके नाम पर होना चाहिए। अगर स्थानीय लोगों ने अपने शहर के इन पार्कों का नाम अपने प्यार के नाम पर रखा है तो इसमें क्या आपत्ति है?

बता दें कि जब से गुजरात में स्टेडियम का नाम पीएम मोदी के नाम पर रखा गया है, तभी से भाजपा में तमाम नेता और मंत्री अपने नाम पर चीजों का नामकरण कर रहे हैं। कांग्रेस का चूंकि लंबे समय तक भारत में शासन रहा है और अधिकांश भवनों, स्थानों आदि के नाम आजादी की लड़ाई लड़ने वालों या आधुनिक भारत को बनाने वालों के नाम पर हैं, भाजपा को वही बात पसंद नहीं आ रही है। इसलिए शहरों से लेकर गली कूंचों तक के नाम बदले जा रहे हैं।

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