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एमपी: बीजेपी विधायक पर सीईओ पर हमले का आरोप, समर्थकों पर FIR

एमपी: बीजेपी विधायक पर सीईओ पर हमले का आरोप, समर्थकों पर FIR

मध्य प्रदेश में एक के बाद एक बीजेपी नेता के कथित तौर पर 'रंगदारी' करने का मामला क्यों आ रहा है? जानिए, बीजेपी विधायक केपी सिंह का सोशल मीडिया पर वीडियो क्यों वायरल हो रहा है।

मध्य प्रदेश में भाजपाइयों की ‘रंगदारी’ का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब रीवा जिले के बीजेपी विधायक रंगदारी के आरोप को लेकर सुर्खियों में हैं। आरोप है कि उनकी ‘न सुनने वाले’ एक जनपद सीईओ को गुर्गों ने सरेआम पीटा। पुलिस ने बीजेपी से जुड़े तीन नामजद और अन्य अज्ञात आरोपियों के साथ कुल डेढ़ दर्जन हमलावरों के खिलाफ जानलेवा हमले एवं अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। उधर घटना के विरोध और बीजेपी विधायक को भी आरोपी बनाये जाने की मांग को लेकर लामबंदी हो गई है। रीवा की सभी 9 जनपदों में हड़ताल भी शुरू कर दी गई है।

घटनाक्रम मंगलवार का है। रीवा जिले की सिरमौर जनपद पंचायत के सीईओ एस.के. मिश्रा एक बैठक कर लौट रहे थे। पूर्वा फॉल के पास घात लगाये बैठे लोगों ने उन पर हमला बोल दिया।

फिल्मी अंदाज में तीन-चार वाहनों को रास्ते पर लगाया गया था। मिश्रा ने माज़रा समझ लिया था। उन्होंने अपने आपको वाहन में बंद कर लिया। जब हमला हुआ तब मिश्रा के साथ सरकारी वाहन का ड्राइवर भर था।

हमलावरों ने पहले वाहन के कांच फोड़े। फिर घसीटकर मिश्रा को बाहर निकाला। लात-घुसे बरसाये। लाठी-डंडे से पीटा। मिश्रा लहुलूहान हो गये। हमलावर तब तक उन्हें पीटते रहे, जब तक वे बेसुध नहीं हो गये। इसके बाद मरा समझ कर कचरे के ढेर में फेंक कर भाग गए। घटना दोपहर करीब 3.30 बजे हुई। जैसे-तैसे मिश्रा को अस्पताल पहुंचाया गया। जख्मी हालत में मीडिया से बात करते हुए मिश्रा ने कहा, ‘बीजेपी विधायक त्रिपाठी ने उन पर जानलेवा हमला कराया। हमला करने वालों में भाजपा के विवेक गौतम, विनय शुक्ला, मनीष शुक्ला सहित डेढ़ दर्जन लोगों के शामिल होने की बात भी उन्होंने कही।’

ख़बर मीडिया पर चली। हंगामा खड़ा हो गया। मामला सत्तारूढ़ दल के विधायक से जुड़ा होने के चलते पुलिस और प्रशासन असमंजस में रहा। रात करीब आठ बजे पुलिस ने तीन नामजद और बाकी अज्ञात लोगों सहित कुल डेढ़ दर्जन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर की।

बीजेपी विधायक त्रिपाठी और सीईओ मिश्रा के बीच मंगलवार सुबह तीखी बहस, आरोप-प्रत्यारोप से जुड़ा क़रीब सात मिनट का एक कथित आडियो वायरल हुआ था। वायरल हुए आडियो में विधायक की ओर से फोन होना बताया जा रहा था। सत्य हिन्दी इस बात की पुष्टि नहीं करता है।

वायरल ऑडियो में कथित तौर पर ‘एमएलए-सीईओ’ तीखी बहस के साथ एक-दूसरे से शिकवा-शिकायत करते हैं। विधायक कथित तौर पर एक जगह कहते हैं, ‘एक बात नोट कर लो, हमारे लोगों को टारगेट नहीं करो। वर्ना मैं सीधे आपको टारगेट करूंगा।’

सीईओ का जवाब होता है, ‘टारगेट कीजिये। मुझे हटवा दीजिये। ट्रांसफर करवा दीजिये।’

सामने से आवाज़ आती है, ‘हटवाने में ऊर्जा नष्ट नहीं करूंगा। खुद हटने के लिये आवेदन करोगे।’ बहस तेज होती है तो आपा खोते हुए कथित तौर पर विधायक आगे कहते हैं, ‘चल दो-तीन में बताता हूं तुझको हटाने के लिये। हटवाने (ट्रांसफर) का ठेका नहीं ले रखा है। मेरे आदमियों से गुंडागर्दी न करो। गुंडे हो तुम। खुले आम पैसा मांगते हो। घूस लेते हो।’

आरोप पर सीईओ कहते हैं, ‘बदतमीजीपूर्ण बात मत करो। गाली-गलौच कर रहे हो, शर्म नहीं आती। क्या समझ लिये हो अपने आपको?’

कथित तौर पर विधायक फिर दोहराते हैं, ‘पैसा खाते हो।’ बेहद आवेश में सीईओ जवाब देते हैं, ‘तुम खाते हो पैसा। अब तक आपकी इज्जत कर रहा था। दलाल पाल रखे हो। दलालों के माध्यम से पैसा खाते हो। कौनसी पंचायत में अच्छा काम किया है?’

एक आरोपी पुलिस हिरासत में

घटना को लेकर पुलिस ने बीते 24 घंटों में एक आरोपी को अभी गिरफ्तार किया है। बाक़ी आरोपियों की तलाश वह कर रही है। 

घटना के बाद सियासत भी गर्म है। रीवा जिले की सभी नौ जनपद पंचायतों के सीईओ ने कलेक्टर मनोज पुष्प से मुलाक़ात कर एक ज्ञापन सौंपा है। सभी हमलावरों को जल्दी पकड़ने और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सुरक्षा की मांग भी ज्ञापन में की गई है।

सभी जनपदों में हड़ताल कर दी गई है। कहा गया है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक हड़ताल वापस नहीं लेंगे।

बीजेपी विधायक त्रिपाठी भोपाल तलब!

उधर बीजेपी विधायक के.पी. त्रिपाठी को भोपाल तलब करने की सूचना है। ‘सत्य हिन्दी’ ने त्रिपाठी को फोन किये। संदेश भेजे। लेकिन उनका फोन नहीं उठा और ना ही संदेश का जवाब आया।

बता दें कि बीते सप्ताह उज्जैन के महाकाल मंदिर में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जमकर उत्पात मचाया था। उज्जैन जिला और ग्रामीण अध्यक्षों के साथ बीजेपी के 18 नेताओं को उनके पदों से हटा दिया था। पार्टी के सख्त रवैये के बाद रीवा से बड़ा घटनाक्रम सामने आ गया।

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