मोदी के बयान का असरः एमपी में कांग्रेस दफ्तर में तोड़फोड़
अब किसी के पास कोई तर्क हो कि बैन क्यों न लगाया जाए ऐसे गुंडा दल पे??
— Rizwan khan Official 🇮🇳 (@Riz_wank) May 5, 2023
अभी तो शुरुआत कर्नाटक से होगी बाकी लगेगा तो पूरे देश में वक़्त आने दो...#BajrangDal#खिलाड़ी_विरोधी_मोदी_सरकार pic.twitter.com/sPavSYZSC7
कर्नाटक चुनाव में मतदान के ठीक पहले बड़ा चुनावी मुद्दा बने बजरंग दल को लेकर ‘रार’ मध्य प्रदेश में भी प्रवेश कर गई है। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को जबलपुर कांग्रेस दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने एफआईआर की है। कर्नाटक कांग्रेस ने मंगलवार को घोषित अपने मेनिफेस्टो में कहा है, ‘सूबे में उसकी सरकार आयी तो पीएफआई और बजरंग दल सरीखे के संगठनों को बैन किया जाएगा।’
कांग्रेस की इस चुनावी घोषणा के बाद से राजनीति तेज है। बुधवार को कर्नाटक की अपनी चुनावी सभा में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पहले राम को ताले में कैद करके रखा गया और अब बजरंग बली की जय बोलने वालों को ताले में बंद करने की बात की जा रही है।’ प्रधानमंत्री ने इस मसले पर जनता से सही समय पर माकूल जवाब मिलने की संभावनाएं भी व्यक्त कीं थीं।
प्रधानमंत्री के भाषण का इतना असर पड़ा कि गुरुवार को बजरंग दल ‘एक्शन’ में आया। संस्कारधानी जबलपुर में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस दफ्तर को निशाना बनाया। भगवा लहारते और नारे लगाते बजरंग दल कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय में घुस गए। दरवाजे पर लातें और लठ भी बरसाये। जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय परिसर को तहस-नहस किया। कार्यालय के भीतर भी जमकर तोड़फोड़ की गई। कार्यालय में लगे कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के पोस्टर भी फाड़े।
मामला पुलिस में पहुंचा है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। अफसरों ने वीडियो फुटेज लिए हैं। हंगामा करने वालों के चेहरों की पहचान में पुलिस जुटी है। पुलिस अफसरों का कहना है, ‘पहचान करके आरोपियों को पकड़ा जाएगा।’
उधर बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता जयभान सिंह पवैया ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘कांग्रेस आतंकियों के वोट साधने के घिनौने कदम उठा रही है।’
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमल नाथ ने ट्वीट कर पूरे घटनाक्रम को निंदनीय करार दिया। उन्होंने कहा, ‘इससे ज्यादा दुःख की बात कोई नहीं हो सकती कि तोड़फोड़ करने वालों को रोकने में पुलिस ने कोई विशेष कार्रवाई नहीं की।’ नाथ ने कहा, ‘राज्य सरकार की लोकतंत्र पर जरा भी आस्था है तो वह आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।’
यहां बता दें, कर्नाटक कांग्रेस के घोषणा पत्र के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बजरंग दल के कामकाज की न केवल तारीफ की थी, बल्कि कांग्रेस की घोषणा को ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’ करार दिया था।