मोहन यादव मंत्रिमंडल का विस्तार, शिवराज के ज्यादातर सहयोगी बाहर
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार मंत्रिमंडल का पहला विस्तार सोमवार 25 दिसंबर को हो गया। मंत्रिमंडल में शिवराज सरकार में लंबे समय तक स्थान पाते रहे ज्यादातर चेहरों को जगह नहीं मिल सकी। उधर ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी 3 ही समर्थक विधायकों को मंत्री बनाया गया। सीएम डॉ. मोहन यादव और दोनों डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल राजभवन में मौजूद रहे।
मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में मोहन यादव ने 18 चेहरों को मंत्री, 6 को स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 4 को राज्यमंत्री के तौर पर स्थान दिया गया है। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने राजभवन में आयोजित सादे समारोह में मोहन यादव मंत्रिमंडल के नये सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पहली बार की एक महिला विधायक को मंत्री बनने का अवसर मिला है। अधिकांश चेहरे नये हैं। कुछ की लंबे समय के बाद मंत्रिमंडल में वापसी हुई है या उन्हें बार-बार विधायक होने के बाद भी पहली बार जगह मिली है। मोहन यादव सरकार में अब 7 मंत्री सामान्य वर्ग से, 12 ओबीसी से, 5 एसटी से और 4 एससी वर्ग से हैं।
प्रहलाद पटेल-विजयवर्गीय मंत्री
मंत्रिमंडल का विस्तार चैंकाने वाला होने की संभावनाएं थीं। संभावनाओं के अनुसार विस्तार रहा। केन्द्रीय मंत्री रहे प्रहलाद सिंह पटेल को मोहन यादव मंत्रिमंडल में बतौर काबीना सदस्य शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे कैलाश विजयवर्गीय को भी मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई है।
इन्होंने ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ
कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, करण सिंह वर्मा, उदयप्रताप सिंह, कुंवर विजय शाह, तुलसीराम सिलावट, एंदल सिंह कंसाना, निर्मला भूरिया, गोविंद सिंह राजपूत, विश्वास सारंग, नारायण सिंह कुशवाह, नागर सिंह चैहान, चैतन्य कश्यप, इंदर सिंह परमार, राकेश शुक्ला, प्रद्युम्न सिंह तोमर संपतिया उईके।
राज्य मंत्री के रूप में इन्होंने ली शपथ
कृष्णा गौर, धर्मेंद्र लोधी, दिलीप जायसवाल, लखन पटेल, नारायण सिंह पंवार, गौतम टेटवाल नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रतिमा बागरी, राधा सिंह और दिलीप अहिरवार।
कृष्णा गौर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बाबूलाल गौर की पुत्रवधु हैं। कृष्णा गौर, दिलीप जायसवाल, लखन पेटल, नारायण सिंह पंवार और गौतम पटेल को स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्यमंत्री बनाया गया।
शिवराज काबीना के इन कद्दावर चेहरों को नहीं मिली जगह
शिवराज सरकार में लगातार मंत्री रहे नौ बार के विधायक गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, मीना सिंह, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, बिसाहूलाल सिंह, प्रभुराम चैधरी, ओम प्रकाश सखलेचा, ऊषा ठाकुर और हरदीप सिंह डंग सहित अनेक बड़े नेताओं को मोहन यादव कैबिनेट में स्थान नहीं मिल सका।
उधर ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक कई दावेदार भी मोहन यादव मंत्रिमंडल में जगह नहीं पा सके। सिंधिया कोटे से तुलसी राम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और प्रद्युम्न सिंह तोमर को ही जगह मिल सकी है।
मंत्रिमंडल में 4 पद अभी रिक्त!
मध्य प्रदेश राज्य विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 230 है। इस मान से अधिकतम 35 सदस्यों को मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव और दो डिप्टी सीएम पहले ही शपथ ले चुके हैं। इनके अलावा आज कुल 28 नये मंत्री बनाये गये हैं। कुल संख्या अब 31 हो गई है। मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 35 सदस्यों की बाध्यता के मद्देनजर अभी 4 पद मोहन यादव कैबिनेट में रिक्त रहे हैं।
जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को साधा
मोहन यादव मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को साधा गया है। सबसे ज़्यादा 7 मंत्री मालवा-निमाड़ से बनाये गये हैं। कुल 28 में 5 महिलाओं को स्थान दिया गया है।