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धर्म की रक्षा के लिए बलिदान में संकोच न करेंः भागवत

धर्म की रक्षा के लिए बलिदान में संकोच न करेंः भागवत

आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि धर्म की रक्षा के लिए अगर खुद का बलिदान देना पड़े तो संकोच नहीं करना चाहिए। भागवत ने त्रिपुरा में एक मंदिर का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। 

आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने हिन्दुओं से कहा है कि सनातन धर्म बलिदान मांग रहा है। अगर सनातन धर्म की रक्षा के लिए जीवन का बलिदान देना पड़े तो जरा भी संकोच नहीं करना चाहिए। त्रिपुरा के गोमती नगर में शांति काली मंदिर के उद्घाटन समारोह के दौरान मोहन भागवत ने यह बात कही। 

भागवत ने कहा कि अगर आप सनातन धर्म के मानने वाले हैं तो इसकी रक्षा करना आपका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की वजह से भारत में एकता है। भारत में तमाम तरह के खान-पान की आदतें, भाषा, संस्कृति और परंपराएं हैं। इतनी अनेकता के बावजूद हम लोगों में एकता की भावना है। विचारों में भारतीयता सनातन धर्म की वजह से है।

आरएसएस चीफ ने कहा कि हूण, मुसलमान और ईसाइयों ने भारत को लूटने के इरादे से कई बार हमले किए। चूंकि वो लोग भारतीयों जैसी भावना नहीं  रखते थे इसलिए उन्होंने भारतीयों का धर्म परिवर्तन करना और मारना चाहा।

मोहन भागवत ने गोमती जिले के शोरबोंग गांव में जिस शांति काली मंदिर का उद्घाटन किया, उसका काली मंदिर से लेनादेना नहीं है। दरअसल, यहां शांति काली नामक पुजारी होते थे, जो आदिवासियों के बीच में सनातन धर्म का प्रचार करते थे। आरोप है कि ईसाई समर्थक उग्रवादियों ने पुजारी शांति काली की हत्या कर दी थी। एनएनएफटी नामक संगठन के उग्रवादियों पर हत्या का केस दर्ज है। आरएसएस ने ही यहां पुजारी के नाम पर मंदिर स्थापित कराया है।

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