यूपी के सीएम योगी सहित बाकी भाजपाई मुख्यमंत्रियों के साथ मोदी की बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की। भाजपा द्वारा नियमित अंतराल पर आयोजित "मुख्यमंत्री परिषद" का उद्देश्य राज्यों में प्रमुख योजनाओं की समीक्षा करना, सर्वोत्तम शासन प्रथाओं का पालन करना और केंद्र सरकार की कल्याण पहलों का वितरण करना है। हालांकि इसका राजनीतिक महत्व भी है। लेकिन राजनीतिक फैसलों की सूचना भाजपा फौरन नहीं देती।
मोदी के अलावा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा,योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश), हिमंत बिस्वा सरमा (असम), भजनलाल शर्मा (राजस्थान) और मोहन चरण माझी (ओडिशा) बैठक में शामिल थे। मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, मणिपुर और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी विचार-विमर्श का हिस्सा थे।
सूत्रों का कहना है कि मोदी और शाह इस बैठक के बहाने तमाम राज्यों की राजनीतिक स्थिति का आकलन भी करते हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर यही बताया गया है कि यह बैठक केंद्रीय बजट पेश होने के मद्देनजर हो रही है, जिसमें विपक्ष ने बिहार और आंध्र प्रदेश की कीमत पर अन्य राज्यों की अनदेखी के लिए सरकार पर निशाना साधा है।
लोकसभा चुनावों के बाद यह पहली बैठक भी है जिसमें भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा क्योंकि पार्टी ने लोकसभा में अपना बहुमत खो दिया है। इसमें भी मुख्य फोकस यूपी पर है। जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच इस मुद्दे पर ठनी हुई है।
मुख्यमंत्रियों की बैठक अभी रविवार को भी जारी रहेगी। अटकलें यह थीं कि योगी अलग से पीएम मोदी से मिलने वाले हैं। लेकिन अभी तक योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की मोदी से अलग मुलाकात नहीं हुई है। मुमकिन है कि रविवार को यह बैठक हो सकती है और उसमें या तो सुलह कराने की कोशिश होगी या फिर योगी को कोई संकेत दिया जाएगा। चूंकि यूपी में विधानसभा उपचुनाव होने हैं, इसलिए कोई भी फैसला उसी के मद्देनजर होगा।