प्रधानमंत्री मोदी के समर्थकों के 'मोदी का परिवार' अभियान के विरोध में विरोधियों द्वारा चलाए जा रहे अभियान पर कार्रवाई की गई है। पीएम मोदी के विरोधियों द्वारा दिल्ली में पोस्टर लगाए जाने के बाद कार्रवाई की गई है।
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने मध्य दिल्ली के कई हिस्सों में लगे भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी और विजय माल्या के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले पोस्टरों के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है। रिपोर्ट के अनुसार पोस्टरों पर कैप्शन था 'मोदी का असली परिवार' और नीचे 'भारतीय युवा कांग्रेस' लिखा हुआ था। यह कार्रवाई क्यों की गई और किन मामलों में की गई, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर 'मोदी का परिवार' अभियान को लेकर इतना हंगामा क्यों है।
इसकी शुरुआत लालू यादव के बयान से हुई थी। आरजेडी की 'जन विश्वास रैली' में लालू यादव ने कहा था कि पीएम मोदी आजकल परिवारवाद का जिक्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'ये आजकल परिवारवाद पर हमला कर रहे हैं। कहते हैं कि लोग परिवार के लिए लड़ रहे हैं। आपके पास परिवार नहीं है। मैं तो कहता हूँ कि वह हिंदू ही नहीं हैं। आपकी माता जी का जब देहांत हो गया तो हर हिंदू अपनी मां के शोक में बाल-डाढ़ी छिलवाता (मुंडन करवाता) है। आप बताओ आपने क्यों नहीं किया?'
इसके बाद पीएम मोदी ने एक सभा में इसका जवाब दिया और कहा कि देश के 140 करोड़ लोग उनके परिवार हैं। पीएम मोदी के भाषण के बाद बीजेपी ने सोशल मीडिया पर 'मोदी का परिवार' ट्रेंड कराया जिसमें मंत्रियों से लेकर कार्यकर्ताओं तक ने अपने एक्स हैंडल में प्रोफाइल नाम में मोदी का परिवार जोड़ दिया।
'मोदी का परिवार' के विरोध में आम सोशल मीडिया यूज़र से लेकर विपक्षी नेताओं तक ने अभियान चलाया और भगोड़ों, कई मामलों के आरोपियों, महिला उत्पीड़कों का नाम लेकर 'मोदी का परिवार' अभियान पर तंज कसे। इसी बीच दिल्ली में भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी और विजय माल्या के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले पोस्टर दिखे।
इन पोस्टरों को लेकर पुलिस ने कार्रवाई की है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दिल्ली संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और पोस्टर हटा दिए गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने बताया कि नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के एक अधिकारी की शिकायत पर मंगलवार को मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने कहा कि पोस्टरों पर प्रकाशक या उन्हें लगाने वाले का नाम नहीं था।