किसान आंदोलन: पीएम मोदी ने बुलाई बैठक, आला मंत्री रहे मौजूद
नए कृषि क़ानूनों को रद्द करने पर अड़ चुके किसानों को किस तरह समझाया जाए, यह मोदी सरकार और बीजेपी दोनों को नहीं सूझ रहा है। सरकार और सगंठन के बीच बीते दिनों में कई बार इस मुद्दे पर बैठक हो चुकी है और शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर बैठक चल रही है।
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद हैं। सरकार इस बात से परेशान है कि किसानों ने दिल्ली को घेर लिया है और 8 दिसंबर को भारत बंद का एलान कर दिया है।
दिन में होगी बातचीत
किसानों-सरकार के बीच जारी घमासान का हल निकालने के लिए शनिवार को दिन में 2 बजे एक बार फिर विज्ञान भवन में बातचीत होगी। गुरूवार को हुई बातचीत 7 घंटे तक चली थी। बैठक में 40 किसान नेता मौजूद रहे थे। सरकार की ओर से कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों की बात सुनी थी। देखना होगा कि आज की बातचीत में क्या इस मसले का कोई हल निकलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूरी पार्टी और सरकार इस वक़्त किसान आंदोलन के कारण चिंता में है क्योंकि सरकार और संगठन बिहार की जीत के बाद बंगाल और कुछ अन्य चुनावी राज्यों में जीत की रणनीति बना रहे थे।
टोल पर करेंगे कब्जा
किसान नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने शुक्रवार को कहा है कि 8 तारीख़ को किसान दिल्ली की सभी सड़कों को जाम कर देंगे और देश भर में हाईवे पर पड़ने वाले सभी टोल पर कब्जा कर लेंगे और सरकार को टोल नहीं लेने देंगे। इसके अलावा शनिवार को वे भारत सरकार और कॉरपोरेट घरानों का पुतला भी दहन करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
दूसरी ओर, किसानों को दिल्ली के बॉर्डर्स से तुरंत हटाने के लिए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई है। याचिका में अदालत से मांग की गई है कि वह संबंधित संस्थाओं को निर्देश दे कि वे सड़कों को खोलें और इन प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाकर दी गई जगह पर शिफ़्ट करें।
ममता का मिला साथ
किसानों को विपक्षी राजनीतिक दलों का भी साथ मिल रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर डटे किसानों से बात की है और कहा है कि वह उनके साथ खड़ी हैं। टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर पहुंचे और काफी देर तक किसानों के बीच रहे। राहुल गांधी भी किसानों के पक्ष में लगातार ट्वीट कर रहे हैं।
बॉर्डर्स पर भीषण जाम
दूसरी ओर, दिल्ली के टिकरी और सिंघू बॉर्डर पर पंजाब-हरियाणा सहित कई राज्यों के किसानों का जमावड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। किसान आंदोलन के कारण दिल्ली-हरियाणा और दिल्ली-यूपी के तमाम बॉर्डर्स पर भीषण जाम लग रहा है।
अब हरियाणा के कई जिलों से बड़ी संख्या में किसान और खाप पंचायतें खुलकर किसानों को समर्थन दे रही हैं और पंजाब से भी लगातार संगतें आ रही हैं। यह साफ है कि सरकार को जल्द ही इस मसले का हल निकालना होगा, वरना आम लोगों की मुश्किलों में इजाफा होगा।