आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि धान (सामान्य) के लिए एमएसपी 2,183 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह पिछले सीजन के 2,040 रुपये प्रति क्विंटल से 7 फीसदी ज्यादा है। धान (ए ग्रेड) के लिए एमएसपी 2,203 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल के 2,060 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मूंग के लिए एमएसपी 8,558 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल के 7,755 रुपये प्रति क्विंटल से 803 रुपये अधिक है।
सोयाबीन, तिल, नाइगर बीज और कपास के लिए एमएसपी बढ़ाकर क्रमशः 4,600 रुपये प्रति क्विंटल, 8,635 रुपये प्रति क्विंटल, 7,734 रुपये प्रति क्विंटल और 6,620 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। लंबे रेशे वाली कपास के लिए एमएसपी बढ़ाकर 7,020 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
बयान में कहा गया है कि सरकार ने 2023-24 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित किया जा सके। लेकिन सरकार का यह फ़ैसला तब आया है जब इस साल मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं और एक साल के अंदर ही लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं।
एमएसपी का मुद्दा किसानों के लिए बेहद अहम रहा है। इसको बढ़ाने के लिए किसान लगातार प्रदर्शन करते रहे हैं। एक दिन पहले ही मंगलवार को हरियाणा में किसानों ने इस मुद्दे पर नेशनल हाईवे 44 पर जगह-जगह जाम लगा दिया था।
इस पर पुलिस ने कुरुक्षेत्र के पास जबरदस्त लाठी चार्ज किया, जिसमें कई किसानों को चोटें लगी हैं। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कल खुद से संज्ञान लेते हुए हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि एनएच 44 देश की लाइफलाइन है, पंजाब-हरियाणा-हिमाचल-जम्मू कश्मीर का रास्ता इससे होकर निकलता है, इसलिए इस पर यातायात में कोई बाधा नहीं आए लेकिन भीड़ को हटाने के लिए बल प्रयोग अंतिम हथियार के रूप में इस्तेमाल हो।
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने सूरजमुखी की फसल अब तक नहीं उठाए जाने और इस पर एमएसपी नहीं देने के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान काफी दिनों पहले दिया था। लेकिन राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे को सुलझाने की कोई कोशिश नहीं की गई। इस पर किसान संगठन बीकेयू के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में, सैकड़ों किसान महापंचायत करने के लिए कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में एकत्र हुए थे।
बता दें कि सरकार ने पिछले साल सामान्य किस्म के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 100 रुपये बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल किया था। धान की 'ए' ग्रेड किस्म का समर्थन मूल्य 1,960 रुपये से बढ़ाकर 2,060 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया था।
खरीफ की प्रमुख फसल धान है, जिसकी बुवाई शुरू हो चुकी है। मौसम विभाग ने जून-सितंबर की अवधि के लिए सामान्य मानसून का अनुमान लगाया है। इससे धान की फ़सल अच्छी होने की उम्मीद है। हालाँकि, इस बार केरल में मानसून देरी से आएगा।
बीएसएनएल के लिए पैकेज
बहरहाल, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को एक अन्य महत्वपूर्ण क़दम में सरकारी दूरसंचार ऑपरेटर भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल के लिए 89,047 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को भी मंजूरी दी। इसने इक्विटी इन्फ्यूजन के माध्यम से कंपनी के लिए 4जी/5जी स्पेक्ट्रम के आवंटन को भी मंजूरी दी। सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इस क़दम के बाद बीएसएनएल की अधिकृत पूंजी 1.50 ट्रिलियन से बढ़कर 2.10 ट्रिलियन रुपये की हो जाएगी।
सीसीईए ने दिल्ली में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार करने के लिए 5,453 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी, जिसमें गुरुग्राम में हुडा सिटी सेंटर को साइबर सिटी से जोड़ने वाली 28.5 किमी की एक नई लाइन और द्वारका एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए 1.5 किमी की एक और लाइन शामिल है।