उत्तर प्रदेश में बीजेपी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। गुरुवार को पार्टी के एक और विधायक मुकेश वर्मा ने इस्तीफा दे दिया। मुकेश वर्मा फिरोजाबाद की शिकोहाबाद सीट से विधायक हैं। ऐसी चर्चा है कि आने वाले दिनों में कुछ और विधायक बीजेपी से किनारा कर सकते हैं।
उधर, बीजेपी दिल्ली में उत्तर प्रदेश के चुनाव के लिए टिकटों को फाइनल करने के काम में जुटी है और इसमें सहयोगी दलों को मिलने वाली सीटों को लेकर भी सहमति बनने की खबर है।
‘मौर्य हैं हमारे नेता’
मुकेश वर्मा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे गए अपने इस्तीफे के पत्र में कहा है कि बीजेपी सरकार के 5 साल के कार्यकाल में दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई। इसके साथ ही किसानों, बेरोजगारों व छोटे व्यापारियों की भी घोर उपेक्षा की गई। वर्मा ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य शोषित और पीड़ित वर्ग के लोगों की आवाज हैं और वही हमारे नेता हैं। विधायक वर्मा ने कहा कि वह स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ हैं।
बीजेपी को बीते 3 दिन में कई बड़े झटके लगे हैं। पहले कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दिया। मौर्य के समर्थन में कई विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और बुधवार को ओबीसी वर्ग से ही आने वाले कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया। कहा जा रहा है कि अभी कुछ और विधायक पार्टी को झटका दे सकते हैं।
निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इन झटकों के कारण बीजेपी बैकफुट पर है और शायद इसीलिए वह हिंदुत्व की पिच पर फ्रंट फुट पर खेलना चाहती है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या की सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश बीजेपी के आला नेताओं की केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है कि योगी आदित्यनाथ को अयोध्या सीट से चुनाव लड़ाया जाएगा। इससे पहले योगी के मथुरा सीट से चुनाव लड़ने की जोरदार चर्चा थी। लेकिन यहां यह सवाल भी उठता है कि योगी आदित्यनाथ अपनी राजनीतिक कर्मभूमि गोरखपुर से चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं।
आने वाले कुछ दिनों में बीजेपी और सपा अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान कर देंगे और यह माना जा रहा है कि कई और नेता पाला बदल सकते हैं। क्योंकि सपा के भी कुछ नेताओं ने पाला बदलते हुए बीजेपी का हाथ पकड़ा है। ऐसे में चुनाव के बेहद जोरदार और रोमांचक होने की पूरी उम्मीद है।