यूपी: बीजेपी विधायक का हंगामा, बोले- एसपी मुझे मार डालेगा
उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ जिले के बीजेपी के एक विधायक ने यह कहकर खासा हंगामा खड़ा कर दिया कि जिले के एसपी से उनकी जान को ख़तरा है। बीजेपी के विधायक धीरज ओझा अपनी कमीज हवा में लहराते हुए प्रतापगढ़ के डीएम के आवास के बाहर ज़मीन पर लेट गए और कहने लगे कि पुलिस कप्तान ने उन्हें बहुत मारा है।
विधायक ने कहा कि उनकी कोई ग़लती नहीं है और एसपी ने उनकी बैरक में पिटाई की है। उन्होंने कहा कि एसपी उनकी पिटाई करवा रहा है और वह उन्हें मार डालेगा। विधायक ने यह भी कहा कि एसपी बहुत ख़तरनाक आदमी है।
यह कहते हुए विधायक ओझा अंडरशर्ट में ही ज़मीन पर लेट गए और इस दौरान वहां कुछ पत्रकार सहित कई लोग जमा हो गए और उन्होंने इसका वीडियो बना लिया। थोड़ी ही देर में विधायक का वीडियो वायरल हो गया। इस जिले में आकाश तोमर ने हाल ही में एसपी का कार्यभार संभाला है। एसपी तोमर ने विधायक के आरोपों को पूरी तरह झूठ बताया है।
इस मामले में एक और वीडियो वायरल हुआ है जिसमें दिख रहा है कि तोमर जब डीएम के कार्यालय से निकलते हैं तो विधायक और उनके समर्थक उनका पीछा करते हैं। इस वीडियो में एसपी और विधायक के समर्थकों में बहस होती दिख रही है। एसपी कहते हैं कि फालतू की बात मत करिए। इस पर विधायक ओझा कहते हैं कि वह फालतू बात नहीं कर रहे हैं बल्कि एसपी ऐसा कर रहे हैं।
जब एसपी अपनी कार की ओर बढ़ते हैं विधायक चिल्लाते हुए कहते हैं कि क्या तुम मुझे गोली मारोगे। उनके समर्थक भी इसी बात को दोहराते हैं।
हंगामे के बाद ओझा ने पत्रकारों को बताया कि वोटर लिस्ट में कुछ गड़बड़ियां थीं। उन्होंने पूछा कि प्रशासन आख़िर वैध मतदाताओं को वोटर लिस्ट में जगह क्यों नहीं देना चाहता।
झूठे आरोप लगाए
एसपी तोमर ने लिखित बयान जारी कर विधायक के सभी आरोपों को नकार दिया है। एसपी ने कहा, “विधायक ओझा प्रतापगढ़ के डीएम के आवास के बाहर धरने पर बैठे थे। जब मैंने उनसे कहा कि वे ग़लत व्यवहार न करें तो उन्होंने मुझ पर झूठे आरोप लगा दिए। इस दौरान डीएम मेरे साथ मौजूद थे। पुलिस का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।”
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव होने वाले हैं। किसान आंदोलन के कारण बीजेपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वैसे ही हलकान है। ऐसे में अगर उसका कोई विधायक सड़क पर आकर चिल्लाए कि उसे एसपी ने मारा है और उसकी जान को ख़तरा है तो यह पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं है। वैसे भी, उत्तर प्रदेश में चुनाव के लिए बस 8 माह का वक़्त बचा है, ऐसे में इस तरह के वाक़यों से हुए डैमेज को कंट्रोल करने में काफी वक़्त चाहिए।
अगर विधायक को ही जान का ख़तरा होगा तो फिर आम जनता का क्या होगा, यह भी एक बड़ा सवाल है।