+
वेश्यालय चलाने के आरोपी मेघालय बीजेपी उपाध्यक्ष यूपी में गिरफ़्तार

वेश्यालय चलाने के आरोपी मेघालय बीजेपी उपाध्यक्ष यूपी में गिरफ़्तार

जानिए वेश्यालय चलाने के आरोपी बीजेपी के मेघालय उपाध्यक्ष बर्नार्ड एन मराक को कहां से गिरफ़्तार किया गया और उन पर क्या-क्या आरोप हैं। 

मेघालय के तुरा में अपने फार्महाउस पर वेश्यालय चलाने के आरोपी बीजेपी के मेघालय उपाध्यक्ष बर्नार्ड एन मराक को उत्तर प्रदेश के हापुड़ से गिरफ्तार किया गया है। मेघालय पुलिस द्वारा बीजेपी नेता के लिए लुकआउट नोटिस जारी करने के कुछ घंटे बाद यह गिरफ्तारी हुई। इससे पहले सोमवार को तुरा की अदालत ने बीजेपी नेता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।

पुलिस ने कहा कि मराक के स्वामित्व वाले तुरा के एक रिसॉर्ट में बंद पांच बच्चों को शनिवार को बचा लिया गया। पुलिस ने यह दावा किया था कि उस जगह से एक 'वेश्यालय' चलाया जा रहा था। मेघालय पुलिस ने मराक के फार्म हाउस पर छापा मारा तो वहां से 500 पैकेट कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियाँ, अवैध शराब की बोतलें, 37 हजार रुपये नक़द, 33 वाहन, 47 मोबाइल फोन और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे।

उन्होंने कहा कि छापेमारी में 47 युवकों और 26 महिलाओं को भी हिरासत में लिया गया था और उनमें से कई नग्न और नशे में पाए गए थे।

शनिवार को छापेमारी के दौरान छह नाबालिगों को छुड़ाए जाने और उनके फार्महाउस 'रिंपू बागान' से 73 लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद से मराक फरार थे। पुलिस ने कहा कि मराक को जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया था, लेकिन वह जांचकर्ताओं से बच रहे हैं।

मराक वर्तमान में गारो ट्राइबल स्वायत्त जिला परिषद के निर्वाचित सदस्य हैं। इससे पहले वह एक विद्रोही संगठन अचिक राष्ट्रवादी स्वयंसेवी परिषद (बी) से जुड़े हुए थे और उसे छोड़कर राजनीति में आए थे। इस संगठन का उद्देश्य एक पृथक गारो राज्य का निर्माण करना था।

पुलिस ने आरोप लगाया है कि प्रतिबंधित संगठन का साथ छोड़ने के बाद भी मराक तुरा बाजार के व्यापारियों से जबरन वसूली करने, हथियारों की तस्करी करने, अवैध लॉटरी टिकट की अवैध बिक्री करने, दूसरे की संपत्तियों को कब्जाने, वेश्यावृत्ति जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं।

फार्म हाउस पर छापेमारी के बाद से ही वह गायब थे।

बीजेपी नेता मराक ने गिरफ़्तारी से पहले एक वीडियो जारी कर कहा था कि उनकी जान को ख़तरा है और वह गिरफ्तारी से बचने के लिए नहीं भाग रहे थे बल्कि खुद को सुरक्षित करना चाहते थे। 

बीजेपी नेता का कहना था कि उनके खिलाफ यह पूर्व नियोजित साजिश थी जिससे उन्हें बदनाम किया जा सके। उन्होंने इसका आरोप मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की पार्टी एनपीपी पर लगाया। उन्होंने कहा था कि राज्य में बीजेपी की स्वीकार्यता बढ़ रही है और इस वजह से मुख्यमंत्री कोनराड संगमा परेशान हैं।

बीजेपी नेता का कहना था कि मुख्यमंत्री ने ही पुलिस को निर्देश दिया था कि वह उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करे और उन्हें गोली मार दे। उन्होंने कहा था कि पुलिस कुछ पुराने मामलों को छापेमारी से जोड़ रही है और उन्होंने दावा किया था कि उनके फार्म हाउस पर कुछ भी गलत नहीं हो रहा था।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें