चुनावी बॉन्ड से 966 करोड़ रुपये चंदा देने वाले मेघा इंजीनियरिंग के पीछे कौन?
मेघा इंजीनियरिंग ने चुनावी बॉन्ड से 966 करोड़ रुपये चुनावी चंदा दिया है। कंपनी और उसके अन्य सहयोगी कंपनियों को मिला दिया जाए तो इसने 1,200 करोड़ रुपये का राजनीतिक चंदा दिया है। यह चंदा 2019 से लेकर 2023 के बीच दिया गया है। अब तक जारी जानकारी के अनुसार सबसे ज़्यादा चंदा देने वालों में फ्यूचर गेमिंग के बाद मेघा इंजीनियरिंग दूसरे स्थान पर है।
चुनाव आयोग ने 12 मार्च को एसबीआई द्वारा साझा किए गए चुनावी बॉन्ड के संबंध में डेटा सार्वजनिक किया है। इसके मुताबिक, लॉटरी कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एमईआईएल राजनीतिक दलों के लिए शीर्ष दो चंदा देने वाली कंपनियाँ हैं। एमईआईएल ने अपनी तीन सहयोगी कंपनियों के साथ 2019 और 2023 के बीच 1,200 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे।
एसबीआई चुनावी बॉन्ड डेटा के मुताबिक़, एमईआईएल से जुड़ी तीन कंपनियों ने भी राजनीतिक दलों को खूब चंदा दिया। वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 220 करोड़ रुपये का चंदा दिया, स्पेक पावर ने 40 करोड़ और एवे ट्रांस प्राइवेट लिमिटेड ने 6 करोड़ रुपये का चंदा दिया।
कांग्रेस ने कहा है कि 'मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने 800 करोड़ रुपए से अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड में दिए हैं।' इसने आरोप लगाया कि अप्रैल 2023 में उन्होंने 140 करोड़ डोनेट किया और ठीक एक महीने बाद उन्हें 14,400 करोड़ रुपए की ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया।
जयराम रमेश ने कहा, 'मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा को अगस्त 2020 में 4,500 करोड़ का जोजिला सुरंग प्रोजेक्ट मिला, फिर अक्टूबर 2020 में उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 20 करोड़ रुपए का दान दिया। मेघा को दिसंबर 2022 में बीकेसी बुलेट ट्रेन स्टेशन का कॉन्ट्रैक्ट मिला, और उन्होंने उसी महीने 56 करोड़ रुपए का दान दिया।'
इलेक्टोरल बांड से जुड़ी जानकारी सामने आने के बाद यह पहला विश्लेषण है जिसे एसबीआई ने चुनाव के बाद तक स्थगित करने के कई हफ़्तों के प्रयास के बाद कल रात सार्वजनिक किया:
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 15, 2024
•1,300 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बांड के रूप में दान दिया है, जिसमें 2019 के बाद से भाजपा को…
एमईआईएल को जानिए
पामीरेड्डी पिची रेड्डी ने 1989 में मेघा इंजीनियरिंग एंटरप्राइजेज की स्थापना की। कंपनी ने नगर पालिकाओं के लिए छोटे पाइप निर्माता के रूप में शुरुआत की। हैदराबाद में इसका मुख्यालय है। रेड्डी और 1991 में कंपनी में शामिल हुए उनके भतीजे पी वी कृष्णा रेड्डी के नेतृत्व में मेघा इंजीनियरिंग ने ऐतिहासिक बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की हैं। इसमें 14 अरब रुपये मूल्य का तेलंगाना का सबसे बड़ा सिंचाई उद्यम भी शामिल है। इसका परिचालन 2019 में शुरू हुआ था।
फोर्ब्स 2023 'भारत के 100 सबसे अमीर' की सूची के अनुसार, पी पी रेड्डी और पी वी कृष्णा रेड्डी को भारत के 54वें सबसे अमीर के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
मेघा इंजीनियरिंग ने परिवर्तनकारी बुनियादी ढांचे के प्रयासों में अपनी भागीदारी के लिए भी पहचान हासिल की, जैसे कि ज़ोजिला सुरंग, जो श्रीनगर और लद्दाख को जोड़ने वाली एशिया की सबसे लंबी टू-वे सुरंग है। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने जनवरी 2022 में 18 किलोमीटर लंबी हर मौसम में खुली रहने वाली ज़ोजिला सुरंग के हिस्से के रूप में 5 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने का काम पूरा किया। इसकी सहायक कंपनी ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक, जिसे चीन की बीवाईडी से तकनीक मिली है, के पास 3,000 से अधिक बसों की ऑर्डर बुक है।