दिल्ली के मेयर पद को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच रस्साकशी जारी है। सुप्रीम कोर्ट जहां इस मुद्दे पर कल बुधवार को सुनवाई करने वाला है, वहीं दिल्ली में दोनों पार्टियों ने आज मंगलवार को एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन किया। दिल्ली में मेयर का चुनाव अब तक तीन बार टल चुका है। एमसीडी में आप का बहुमत है लेकिन बीजेपी तकनीकी आधार पर अपना मेयर बनाना चाहती है। दिल्ली में मेयर पद महिला के लिए आरक्षित है। आप की ओर से शैली ओबरॉय और बीजेपी की ओर से रेखा शर्मा उम्मीदवार हैं।
मंगलवार को आप ने यहां बीजेपी मुख्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया। आप इस बात की विरोध कर रही है कि उप राज्यपाल द्वारा नामित दस सदस्य मेयर चुनाव में कैसे मतदान कर सकते हैं।
हाथों में तख्तियां लिए आप के कई नेता और कार्यकर्ता राउज एवेन्यू रोड पर एकत्र हुए और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की। बीजेपी मुख्यालय के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, इलाके में भारी पुलिस बल देखा गया है और राउज एवेन्यू रोड पर कई बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
दिल्ली नगर निगम हाउस तीसरे प्रयास में भी महापौर का चुनाव करने में विफल रहा, सोमवार को हंगामे के बाद पीठासीन अधिकारी सत्य शर्मा ने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा नामित एल्डरमैन चुनाव में मतदान करेंगे।
आप ने कहा कि उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, ताकि मेयर चुनाव "अदालत की निगरानी में" हो सकें।
एमसीडी हाउस के पहले दो सत्र 6 जनवरी और 24 जनवरी को हुए। एलजी द्वारा नामित पीठासीन अधिकारी सत्य शर्मा ने बीजेपी और आप के सदस्यों के बीच हंगामे और तीखे आदान-प्रदान के बाद स्थगित कर दिए गए। इसके बाद तीसरी बैठक कल 6 फरवरी को हुई। उसमें भी वही किस्सा दोहराया गया।
दिल्ली नगर निगम (DMC) अधिनियम, 1957 के अनुसार, निकाय चुनावों के बाद सदन के पहले ही सत्र में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव किया जाना है। हालांकि, 4 दिसंबर को हुए नगर निकाय चुनाव हुए दो महीने हो चुके हैं और दिल्ली को अभी तक मेयर नहीं मिला है।
इस बीच बीजेपी ने भी आप के दफ्तर पर प्रदर्शन किया। उसके नेताओं ने आरोप लगाया कि आप एमसीडी सदन को चलने नहीं देना चाहती। वो चाहती है कि उसका मेयर नियम तोड़कर चुन लिया जाए लेकिन बीजेपी ऐसा नहीं होने देगी।