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मरियम नवाज बनी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पहली महिला सीएम 

मरियम नवाज बनी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पहली महिला सीएम 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की नेता मरियम नवाज पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पहली महिला सीएम बनी हैं। इसके साथ ही वह पाकिस्तान के किसी भी प्रांत की मुख्यमंत्री बनने वाली पहली महिला हैं। 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की नेता मरियम नवाज पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पहली महिला सीएम बनी हैं। इसके साथ ही वह पाकिस्तान के किसी भी प्रांत की मुख्यमंत्री बनने वाली पहली महिला हैं। 

उन्होंने पंजाब के गवर्नर हाउस में सोमवार को सीएम पद की शपथ ली है। इस मौके पर उनके पिता नवाज शरीफ और चाचा शाहबाज शरीफ भी मौजूद थे। खास बात यह थी कि जब मरियम शपथ ले रही थी तब उनकी मां कुलसुम नवाज तस्वीर भी उनके पास रखी हुई थी।

 शपथ ग्रहण के बाद पंजाब असेंबली में उन्होंने अपना बहुमत भी साबित किया। इस मौके पर हुए मतदान में उन्हें  220 विधायकों का साथ मिला। सीएम पद की शपथ लेने के बाद मरियम नवाज ने करीब डेढ़ घंटा लंबा भाषण दिया। 

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान और उससे पहले मुझ पर और मेरे परिवार पर बहुत जुल्म हुए, लेकिन मैं किसी से भी कोई बदला नहीं लेना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि, मेरी जीत पाकिस्तान की हर महिला की जीत है। इस मुकाम तक पहुंचने में मेरे पिता और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ ने हमेशा मेरा साथ दिया है। 

मरियम ने कहा, मैं आज उस कुर्सी पर बैठी हूं, जहां एक समय मेरे पिता नवाज शरीफ बैठे थे। वह इकलौते ऐसे पाकिस्तानी हैं जो तीन बार पंजाब सूबे के सीएम रह चुके हैं। अब मेरा मकसद पंजाब सूबे में आर्थिक और सामाजिक स्तर पर तरक्की लाना है।

उन्होंने कहा कि मैं अपने ऑफिस पहुंचते ही पार्टी मेनिफेस्टो को लागू करने के लिए काम करना शुरू कर दूंगी। इससे पहले मरियम नवाज और पंजाब असेंबली के दूसरे विधायकों ने 23 फरवरी को विधायक पद की शपथ ली थी। 

पाकिस्तान की नई सरकार में नवाज नहीं होंगे पीएम 

पाकिस्तान में नई सरकार बनने जा रही है लेकिन इस सरकार में पीएम नवाज शरीफ नहीं होंगे। पिछले कई महीनों से कयास लगाया जा रहा था कि नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री फिर बन सकते हैं। चर्चा थी कि पाकिस्तानी फौज भी चाहती है कि नवाज फिर से पीएम बने। 

हाल में हुए चुनाव में जमकर धांधली की भी खबर आई थी जिसको लेकर कहा जा रहा था कि ये सब धांधली फौज के समर्थन से हो रही है। फौज हर हाल में नवाज शरीफ को पीएम बनाना चाहती थी। लेकिन अब सामने आई जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के नए पीएम नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ होंगे। वहीं राष्ट्रपति पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी होंगे। जरदारी पूर्व में भी पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के नए पीएम के चयन की औपचारिकता के लिए इसी महीने यानी अगले कुछ दिनों में संसद में चुनाव होगा जिसमें सांसद उन्हें अपना नेता चुनेंगे। इसके बाद पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति की नियुक्ति होगी। इसको लेकर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बीच समझौता भी हो चुका है।

दोनों दलों के मिलने के बाद इनके गठबंधन को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में बहुमत मिल जाता है। नेशनल असेंबली में कुल 342 सीटें हैं। इसमें 70 रिजर्व हैं और एक पर चुनव टल गया था। कुल सीटों में से 265 पर चुनाव हुआ था, यहां बहुमत के लिए 134 का आंकड़ा चाहिए।

इमरान खान के समर्थक निर्दलीय उम्मीदवार सबसे ज्यादा संख्या में जीते हैं जिनकी संख्या 93 है, लेकिन उन्हें अन्य दलों का समर्थन नहीं मिलने के कारण वह सरकार नहीं बना सकते हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के 75 सांसद हैं और पीपीपी के 54 सांसद हैं। 

दोनों का गठबंधन होने से उनकी सरकार बनेगी। इनके गठबंधन से बनने वाली सरकार को कुछ निर्दलीय और अन्य छोटी पार्टियों का समर्थन मिलेगा जिससे वह संसद में आसानी से अपना बहुमत साबित कर देगी। 

  

अब सवाल उठता है कि जब इस गठबंधन के लिए सरकार बनाना भी आसान हो गया था तब फिर नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन रहे हैं? जबकि नवाज शरीफ प्रधानमंत्री बनने के लिए ही लंदन से पाकिस्तान आए थे।

चर्चा है कि सेना ने नवाज शरीफ के सामने दो शर्त रखी थी. इसमें पहली कि अगर वह अपनी बेटी मरियम को पाकिस्तानी पंजाब प्रांत का सीएम बनाना चाहते हैं तब उन्हें पीएम पद से दूर रहना होगा। दूसरी शर्त के मुताबिक अगर नवाज शरीफ खुद पीएम बनना चाहते हैं तब उन्हें मरियम की जगह अपने भाई शहबाज शरीफ को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाना होगा। 

उनके पीएम नहीं बनने को लेकर दूसरी बात जो सामने आ रही है वह यह कि नवाज खुद जोड़-तोड़ से बनने वाली इस गठबंधन सरकार में पीएम नहीं बनना चाहते थे। कहा जा रहा है कि नवाज के कुछ करीबी लोगों ने उन्हें लंदन जाकर यह समझाया था कि पाकिस्तान में होने वाले चुनाव में उनकी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिल जाएगा। इस बात पर उन्होंने यकीन कर लिया था और लंदन से पाकिस्तान लौट आए थे। लेकिन जब उनकी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, इसके कारण नवाज शरीफ को निराशा हाथ लगी। 

राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि नवाज अब अपनी बेटी मरियम को राजनीति में आगे बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने खुद पीएम बनने से ज्यादा बेहतर बेटी को सीएम बनवाना और भाई शहबाज को पीएम बनाना समझा है। इससे उनके परिवार में भी किसी तरह का कोई विवाद नहीं होगा। माना जा रहा है कि अब नवाज वापस लंदन जा सकते हैं। 

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