बयान देते वक़्त हमेशा अपने शब्दों को लेकर सावधान रहें प्रधानमंत्री: मनमोहन
प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर मनमोहन सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को बयान देते समय हमेशा अपने शब्दों और घोषणाओं को लेकर सावधान होना चाहिए। हालाँकि उन्होंने प्रधानमंत्री के किसी बयान का ज़िक्र नहीं किया, लेकिन माना जा रहा है कि उनका यह बयान गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयान को लेकर है। तब प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘न वहाँ कोई हमारी सीमा में घुस आया है और न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है।'
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद उनकी चौतरफ़ा आलोचना की गई। बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री के संशोधित बयान को जारी किया था और कहा था कि प्रधानमंत्री के बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के इसी बयान पर विवाद के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज अपना बयान जारी किया है।
This is a moment where we must stand together as a nation and be united in our response to this brazen threat: Press Statement by Former PM Dr. Manmohan Singh pic.twitter.com/qP3hN3Od9D
— Congress (@INCIndia) June 22, 2020
आज जारी बयान में मनमोहन सिंह ने कहा है, 'प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके (चीन) षड्यंत्रकारी रुख को बल नहीं देना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस ख़तरे का सामना करने व स्थिति को और ज़्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें।'
मोदी के बयान पर मनमोहन सिंह ने आगाह किया कि 'प्रधानमंत्री को अपने शब्दों व एलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक व भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए'। मनमोहन सिंह ने कहा,
“
आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय व सरकार द्वारा उठाए गए क़दम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियाँ हमारा आकलन कैसे करेंगी।
मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वो वक़्त की चुनौतियों का सामना करें, और कर्नल बी संतोष बाबू व हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें, जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा व भूभागीय अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुती दे दी।'
बता दें कि चीन पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने बयान जारी कर कहा था कि हमारी सीमाओं में कोई घुसपैठ नहीं हुई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनके बयान को ट्वीट भी किया था।
पूर्वी लद्दाख में जो हुआ, इसको लेकर आपने रक्षा मंत्री जी और विदेश मंत्री जी को सुना भी और Presentation को भी देखा । न वहां कोई हमारी सीमा में घुस आया है और न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 19, 2020
कांग्रेस ने इस बयान को लपका और सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री का मतलब भारतीय क्षेत्र को चीन के हाथ सौंपने से था। बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को कहा कि पीएम मोदी की टिप्पणी को 'ग़लत व्याख्या' देने का प्रयास किया जा रहा है।
इस पर कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय क्षेत्र को चीनी आक्रमण के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। राहुल ने पहला सवाल पूछा है कि अगर धरती चीन की थी तो हमारे सैनिक क्यों मारे गए और दूसरा सवाल यह कि वे कहां मारे गए। राहुल गलवान घाटी में सैनिकों की शहादत को लेकर लगातार ट्वीट कर रहे हैं।
इसके बाद राहुल ने रविवार को भी गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की मौजूदगी के मुद्दे पर एक बार फिर प्रधानमंत्री पर ज़ोरदार हमला किया। उन्होंने गलवान सैटेलाइट तसवीरों के आधार पर कहा है कि चीन ने पैंगोंग झील के पास के भारतीय इलाक़े पर कब्जा कर लिया है।
राहुल गाँधी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री ने कहा है कि न तो कोई देश में घुसा है और न ही किसी ने किसी इलाक़े पर कब्जा किया है। लेकिन सैटेलाइट तसवीर दिखाते हैं कि चीन ने पैंगोंग झील के किनारे के इलाक़े पर कब्जा कर लिया है।'